कोरोना महामारी के कठिन दौर में भी एनीमिया तथा कुपोषण को हराने के लिए जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता तथा शौर्य दल सतत् रूप से काम कर रहे हैं
कोरोना काल में वापस अपने गांव लौटे प्रवासी गर्भवती माताओं एवं बच्चों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध करवाना भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता तथा शौर्य दलों द्वारा समाज के प्रति अपने दायित्वों का पूरी सजगता के साथ निर्वहन किया जा रहा है। गैरतगंज के ग्राम जैतपुर निवासी कमला बाई ने बताया कि उनके पति फैक्ट्री में काम करते थे लेकिन कोरोना के कारण काम बंद होने से वापस अपने गांव लौट आए हैं। गांव वापस आने पर उनके सामने रोजगार की समस्या थी लेकिन मनरेगा के तहत किए जा रहे निर्माण कार्यो में उन्हें और उनके पति को रोजगार मिल रहा है। साथ ही उनके चार साल के बेटे को भी आंगनबाड़ी द्वारा पोषण आहार दिया जा रहा है। गैरतगंज परियोजना अधिकारी सीमा पटेल ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार प्रवासी गर्भवती माताओं, बच्चों को भी पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शौर्य दल द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पोषण संवाद का आयोजन किया जा रहा है। व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर भी एनिमिक बच्चों व माताओं को पोषण की न सिर्फ जानकारी दी जा रही है, बल्कि कुपोषित बच्चों पर नजर रखते हुए उनकी मानीटरिंग की जा रही है।