राष्ट्रीय बाँस मिशन के तहत प्रदेश के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उन्नत गुणवत्ता वाले बाँस के पौधे उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
प्रति पौधा 240 रूपये लागत वाला यह पौधा किसानों को 120 रूपये में मिलेगा। राशि अनुदान का वितरण तीन वर्षो तक किया जायेगा। पहले साल में 60 रूपये प्रति पौधा, दूसरे में 36 रूपये और तीसरे साल में किसानों को 24 रूपये प्रति पौधा अनुदान मिलेगा। पहले वर्ष में रोपित सभी पौधों पर अनुदान दिया जायेगा। दूसरे साल 80 प्रतिशत पौधों की जीवितता पर (मृत पौधा बदलाव सहित) और तीसरे साल शत-प्रतिशत पौधों की जीवितता (मृत पौधा बदलाव सहित) सुनिश्चित करने पर अनुदान दिया जायेगा।
योजना से प्रदेश में अच्छी गुणवत्ता वाले बाँस का उत्पादन बढ़ने के साथ ही किसानों को अच्छा मूल्य मिलने से अतिरिक्त आय होगी। बाँस आधारित शिल्पकारों और बाँस उद्योग को पर्याप्त मात्रा में कच्चे माल की आपूर्ति की जा सकेगी। किसान अपनी कृषि भूमि, मेड़ आदि पर अपनी इच्छा अनुसार बाँस की प्रजातियाँ लगाने के लिये स्वतंत्र रहेंगे। लेकिन किसानों को यह पौधे मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन द्वारा मान्यता प्राप्त रोपणियों या भारत सरकार के बायोटेक्नोलोजी विभाग से एन.सी.एस.-टी.सी.पी. प्रमाण पत्र प्राप्त टिश्यू कल्चर प्रयोगशालाओं से गुणवत्ता पूर्ण पौधों को क्रय कर लगाना होगा। पौधा क्रय का भुगतान किसान द्वारा रोपणी/लेब को किया जायेगा।
योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान संबंधित वनमण्डलाधिकारी को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। अधिकारी बाँस मिशन द्वारा आवंटित भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों के सीमा के अनुसार हितग्राही का चयन करेंगे। चयन में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला कृषको को प्राथमिकता दी जायेगी। न्यूनतम रोपण 375 से 450 पौधे प्रति हेक्टेयर लगाने का प्रावधान है। पौधों का अन्तराल किसान खुद तय करेंगे। बाँस पौधो के बीच कृषि फसलों की अन्तरवर्ती फसलें भी ली जा सकेगी।