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घर पर बजी स्‍कूल की घंटी, लगी बच्‍चों की क्‍लास (कहानी सच्‍ची है)

बच्‍चों ने सुनी शेर-चूहे, लालची बंदर और दयालू राजा की कहानियॉं










     जिले में "हमारा घर-हमारा विद्यालय" अभियान की शुरूआत 6 जुलाई से हुई तो घरों का माहौल बदला-बदला नज़र आया। घरों में ही स्‍कूल की घंटी बजी और क्‍लास भी लगी। माता-पिता और अभिभावकों ने शिक्षक की भूमिका में बच्‍चों को पढ़ाया तो शिक्षकों ने ऑनलाइन गाइडेंस दिया।   
    मझौली इन्‍द्राना के जित्‍तू सोनी और बिलहरी निवासी अमित झारिया कहते हैं कि बच्‍चों को घर पर ही पढ़ाई व स्‍कूल जैसा माहौल देने की यह योजना अच्‍छी हैं। इससे बच्‍चों को पढा़ई में काफी मदद मिलेगी। वहीं ग्राम सूखा पाटन निवासी रजनीश दुबे कहते है कि इस तरीके से बच्‍चों का पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन होगा और मनोबल बढ़ेगा। सिहोरा के पटोरी गांव के छात्र हर्ष सेन ने बताया कि उसके पिता ने उसे शेर और चूहे की कहानी सुनाईं। वहीं पाटन में दादा-दादी ने भी लालची बंदर, दयालु राजा की प्रेरक कहानियॉं बच्‍चों को सुनाई। बच्‍चों को घर के बुजुर्गों सहित युवाओं और महिलाओं ने ना केवल पढा़या बल्कि रोचक कहानियॉं भी सुनाईं।



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