कोरोना संबंधी लक्षण दिखने पर अपने नजदीकी फीवर क्लीनिक पर जाँच करायें
भोपाल कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने वीडियो संदेश के माध्यम से शहर वासियों से अपील की है कि हमें अपने महत्व को समझना जरूरी है कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना से संबंधी लक्षण नजर आते हैं, तो वह तत्काल संज्ञान में लाकर इसकी सूचना स्वास्थ्य और जिला प्रशासन को दें। हर व्यक्ति को इस संक्रमण से बचाना हम सभी का कर्तव्य भी है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया है कि लक्षण दिखने पर तत्काल उसकी जांच कराने अपने नजदीकी फीवर क्लीनिक पर जाएं और अपनी स्क्रीनिंग कराएं। स्क्रीनिंग के दौरान चिकित्सक द्वारा सैंपल लेने की आवश्यकता है तो अपनी सैंपलिंग भी कराएं।
कोरोना संक्रमण के संबंध में कोई भी लक्षण अथवा सिम्टम्स नजर आने पर शीघ्र ही जांच कराने से जल्द ही हम इस संक्रमण पर जीत पाने में सफल होंगे।
कोरोना संक्रमण में अर्ली डिटेक्शन से समय पर संज्ञान लेना आवश्यक है। विगत कुछ समय से देखा जा रहा है कि संक्रमण का सही समय पर संज्ञान में आने से स्थिति को बिगड़ने पर उसे तत्काल ठीक कर व्यक्ति को बचाया जा सका है। इस और प्रदेश सरकार द्वार किल कोरोना का महा सर्वे अभियान भी 1 से 15 जुलाई तक चलाया जा रहा है।
इसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति में कोरोना संक्रमण है तो उसे हम अर्ली डिटेक्शन से पहचान कर उसे स्वास्थ्य लाभ दे सकें। संक्रमण को रोकने और उस पर प्रभावी कार्यवाही करने भोपाल शहर में सबसे पहले इस सर्वे को प्रारंभ किया गया है ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसकी जाँच, स्क्रीनिंग और सेम्पलिंग की जाये। इस और शहर में लगातार चलाये जा रहे अभियान में तेजी से अब तक भोपाल में लगभग साढ़े नौ लाख से अधिक लोगों का सर्वे किया गया हैं, जिससे पिछले कुछ दिनों में कोरोना के कई मामले निकलकर सामने आए हैं। जिससे सभी लोगों को इलाज दिया गया है। इससे शहर का रिकवरी रेट बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन और व्यवस्थाओं से बढ़ रहा है।
कलेक्टर ने शहर के सभी नागरिकों से अपील में कहा है कि वे आगे आकर फीवर क्लीनिक पर अपनी जाँच कराये और चलाये जा रहे सर्वे में सहयोग करें। सर्वे दलों को जानकारी उपलब्ध करायें। शासन-प्रशासन द्वारा कांटेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से कोरोना संक्रमण को सर्वप्रथम डिटेक्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। जिला प्रशासन का एक ही उद्देश्य है कि इस बीमारी को शहर में आगे बढ़ने से रोकें। इसमें सभी के सहयोग की अपेक्षा है।