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अस्पताल स्टॉफ ने हिम्मत दिलाई, डॉक्टरों ने मनोबल बढ़ाया, जीत ली कोरोना से जंग - श्री कुशाग्र पाल (कोविड-19 सफलता की कहानी)

    पोस्ट आफिस में कार्यरत अलीराजपुर निवासी 37 वर्षीय श्री कुशाग्र पाल को हल्का बुखार एवं सर्दी होने पर जांच कराने पर कोरोना पॉजिटिव संक्रमण पाया गया। इसके बाद 32 वर्षीय उनकी पत्नी श्रीमती मनीषा पाल का कोरोना टेस्ट भी पॉजिटिव पाया गया। श्री पाल और श्रीमती पाल बीते 10 दिनों तक जिला चिकित्सालय के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रहे। पाल दम्पत्ति की बाद की रिपोर्ट नेगेटीव आने पर आज 21 जुलाई 2020 को उन्हें जिला अस्पताल के आइसोलशन वार्ड से छुट्टी मिली। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर अस्पताल स्टॉफ ने तालियां बजाकर पाल दम्पत्ति को विदाई दी। श्री पाल एवं श्रीमती पाल ने बताया कि कोरोना पाजीटीव रिपोर्ट आने पर मैं शुरू में थोडा डरे और चिंतित हुए थे लेकिन हॉस्पिटल के चिकित्सकों, नर्सेस एवं स्टॉफ ने हमें हिम्मत दिलाई। उन्होंने हमें निराश नहीं होने दिया। हमारे अन्दर नकारात्मक भाव उत्पन्न ही नहीं होने दिए। भर्ती रहने के दौरान लगातार मनोबल बढ़ाया। श्री पाल ने बताया कोरोना पॉजिटिव होने का मतलब जिंदगी खत्म नहीं है। नियमों का पालन और पॉजिटिव सोच से हम कोरोना को हरा सकते है। उन्होंने कोरोना को हराने का मंत्र देते हुए कहा मुंह पर मास्क, हाथों को थोडे-थोडे समय में साबुन एवं सेनेटाइजर से साफ करें। सोशल डिस्टेन्सींग का पालन करें। समय पर दवाई लेते रहे। ओर खास बात हिम्मत कभी नही हारने की बात उन्होंने कही। 


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