भारत सरकार द्वारा जारी खरीफ मौसम से ऋणी और अऋणी दोनों किसानों के लिए फसल बीमा योजना स्वैच्छिक की गई है। ऐसे ऋणी कृषक जो अपनी फसलों का बीमा नहीं कराना चाहते है उन्हें बीमांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई के सात दिन पूर्व अर्थात 24 जुलाई तक संबधित बैंक में लिखित में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा।
उप संचालक कृषि कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान अधिसूचित खरीफ फसलों का बीमा कराकर जोखिम से बच सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओ से फसल क्षति होने पर बीमित कृषकों को क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराकर वित्तीय सहायता प्रदान करना है। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है। खरीफ 2020 में कृषकों का प्रीमियम नामे कर बीमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2020 है। अऋणी कृषक अपनी अधिसूचित फसल सोयाबीन का बीमा बैंक/लोक सेवा केम्द्र एवं निर्धारित बीमा कंपनी के प्रतिनिधि के माध्यम से स्वैच्छिक रूप से करवा सकते है। ऋणी कृषकों का बीमा संबंधित बैंकों के माध्यम से किया जायेगा।
खरीफ मौसम में ऋणमान का मात्र दो प्रतिशत प्रीमियम देकर किसान बीमा करा सकते है। जिले में सोयाबीन फसल का प्रीमियम 900 रुपये प्रति हेक्टर देय है। अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसले उगानेवाले बटाईदारों और काश्तकारों सहित सभी किसान अपनी फसल सोयाबीन का बीमा आच्छादन प्राप्त करने हेतु पात्र है। योजना सभी कृषकों हेतु स्वैच्छिक की गई है। अल्पकालिक फसल ऋण प्राप्त करने वाले कृषकों की फसलों का बीमा संबंधित बैंक द्वारा किया जायेगा। अऋणी कृषक अपनी अधिसूचित फसल सोयाबीन का बीमा बैंक लोक सेवा केन्द्र एवं कार्यरत बीमा कंपनी के अधिकृत एजेण्ट के माध्यम से करवा सकते है। अऋणी कृषकों हेतु आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करना होंगे। इनमें फसल बीमा प्रस्ताव फार्म, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पेन कार्ड, राशन कार्ड, समग्र आईडी, भू-अधिकार पुस्तिका, पटवारी अथवा ग्राम-पंचायत सचिव द्वारा जारी बुआई प्रमाण-पत्र आदि देना होंगे।
भारत सरकार द्वारा खरीफ 2020 से सभी कृषकों हेतु योजना को ऐच्छिक किया गया है। इसी अनुक्रम में योजना में प्रावधान किया गया है कि अल्पकालिक फसल ऋण लेने वाले ऋणी कृषक जो उपनी फसलो का बीमा नही करवाना चाहते हो, वे बीमांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2020 से 7 दिवस पूर्व अर्थात 24 जुलाई, 2020 तक संबंधित बैंक में निर्धारित प्रपत्र में लिखित में आवेदन भरकर योजना से बाहर हो सकते हैं।
अऋणी कृषकों के साथ ही अब ऋणी कृषकों के लिए भी फसल बीमा योजना हुई स्वैच्छिक
Tuesday, July 14, 2020
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