प्रदेश में सोलर पम्प लगाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत किसानों के लिये अब-तक 14 हजार 250 सोलर पम्प स्थापित किये जा चुके हैं। अगले तीन वर्षों में 2 लाख सोलर पम्प लगाने का लक्ष्य है। सोलर पम्प से राज्य के किसानो कों सिंचाई का भरपूर लाभ मिलेगा। सोलर पम्प लगाने से राज्य की बिजली कम्पनी पर भी भार कम होगा। सोलर पम्प का ये भी लाभ होगा कि ताप विद्युत पर निर्भरता कम होगी और यह पर्यावरण संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के अंतर्गत किसानों को विशेष अनुदान देकर सस्ती दरों पर सोलर पम्प उपलब्ध करायें जाएंगे। इस योजना को सरलीकरण किया जा रहा है। किसानों को सोलर पम्प लगवाने में इससे सुविधा होगी।
रूफ टॉप पर सौर ऊर्जा
प्रदेश में अब तक 30 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफ टॉप संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं। इस वर्ष प्रदेश के 700 शासकीय भवनों पर 50 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफ टॉप लगाना प्रस्तावित हैं। सोलर रूफ टॉप संयंत्रों से उत्पादित बिजली की दरें एक रूपये 38 पैसे प्रति यूनिट प्राप्त हुई। सरकार का प्रयास है कि रूफ टॉप संयंत्र घर-घर लगायें जाएं जिससे उपयोग के लिये बिजली सस्ती दरों पर मिलें। शासकीय भवनों पर सौर संयंत्र ऐसे मॉडल पर लगाये जा रहे हैं, जिसमें हितग्राही विभाग अथवा संस्था को कोई पैसा नहीं देना पड़े, जिससे संयंत्र विकसित करने वाला सस्ती बिजली उपलब्ध करायेगा।
प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिये सौलर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। भोपाल के निकट मंडीदीप में 400 औद्योगिक ईकाइयों के लिये 32 मेगावाट क्षमता की सोलर रूफ टॉप परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इससे उद्योगों को सस्ती बिजली मिलने से औद्योगिक क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी।