केन्द्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से भारतीय उष्ण देशीय मौसम विज्ञान संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रापिकल मेट्रोलॉजी) पुणे ने दामिनी नामक ऐप विकसित किया है। यह ऐप प्राकृतिक आपदा आकाशीय बिजली गिरने से पहले लोगों को सावधान करेगा।
जिले में भारत सरकार की जिला कृषि मौसम इकाई परियोजना कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.एम.के.भार्गव के मार्गदर्शन में संचालित की जा रही है जिसमें मौसम वैज्ञानिक श्री विजय प्रताप सिंह द्वारा जिले के लोगों को मौसम की अनुकूलता एवं प्रतिकूलता के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में मौसम की सबसे प्रतिकूल स्थिति आकाशीय बिजली है। इससे बचाव हेतु मौसम विभाग द्वारा एक ऐप जारी किया गया है। यह ऐप लोगों को सावधान करेगा।
मौसम विभाग के अनुसार बिजली गिरने से भारतवर्ष में प्रतिवर्ष लगभग 2 हजार से ढाई हजार लोगों की मौतें हो जाती हैं। इन घटनाओं का सटीक पूर्वानुमान एक चुनौती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत संस्था ने देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 48 सेंसर के साथ एक लाइटिंग लोकेशन नेटवर्क स्थापित किया है। पुणे में प्रसंस्करण इकाई के लिए रखा गया है। यह नेटवर्क बिजली की गड़गड़ाहट और वृजपात की गति के बारे में सटीक जानकारी दे रहा है। इस नेटवर्क का उपयोग करते हुए आई.आई.टी.एम. ने एक मोबाइल ऐप दामिनी विकसित किया है। इस ऐप के माध्यम से 20 कि.मी. के क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावित स्थानों की जानकारी 30 से 40 मिनट पहले प्राप्त की जा सकती है। जिसके माध्यम से लोगों को सतर्क कर जान बचाई जा सकेगी। आमजन एवं किसान दामिनी मोबाइल ऐप को अपने मोबाइल में इंस्टाल करके वर्षा के दिनों में आकाशीय बिजली गिरने की सटीक जानकारी पाकर जान-माल की रक्षा कर सकते हैं।
दामिनी एक मोबाइल ऐप है, जो प्ले स्टोर से निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता हैं। डाउनलोड करते समय आमजन व कृषकों को अपना नाम एवं लोकेशन की आवश्यक जानकारी देनी होती है। मैसेज व ऑडियो से मिलती है जानकारी-रजिस्ट्रेशन करने के बाद आमजन व कृषक की लोकेशन के अनुसार उस गांव से 20 कि.मी. में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी मोबाइल पर ऑडियो और संदेश के माध्यम से प्राप्त होती है। दामिनी ऐप से बिजली गिरने की सटीक सूचना मिलती है। सावधानियां बरतें-दामिनी एप के एलर्ट के बाद बिजली से बचने के लिए खुले खेतों, पेड़ों के नीचे, पहाड़ी इलाकों, चट्टानों का उपयोग न करें। धातुओं के बर्तन न धोयें एवं स्नान इत्यादि करने के बचें।
सुरक्षित स्थान में पहुंचने से किसानों की बचेगी जान। जानवरों को भी सुरक्षित स्थान पर बांध सकते हैं। वज्रपात का संदेश प्राप्त होने के बाद मोबाइल को भी समय से बंद कर सकते हैं।