कृषि मंत्री श्री कमल पटेल के निर्देशानुसार प्रदेश में टिड्डी नियंत्रण के लिये सघन अभियान जारी है। श्री पटेल ने विभागीय अमले को ताकीद की है कि टिड्डी नियंत्रण के लिये की जा रही कार्यवाही में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाये।
विगत दिवस जबलपुर संभाग के सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड के ग्राम नादी और सेला में टिड्डी दल का रात्रि ठहराव हुआ। इसके नियंत्रण के लिये 10 ट्रैक्टर चलित स्प्रे-पंप और 3 फायर ब्रिगेड से 100 लीटर रसायनों का छिड़काव किया गया। इसी प्रकार मुरैना जिले के सबलगढ़ विकासखंड के ग्राम टटेरा में भी 2 फायर ब्रिगेड द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव कर नियंत्रण की कार्यवाही की गई।
ग्वालियर संभाग के शिवपुरी जिले में 2 टिड्डी दलों के ठहराव की सूचना प्राप्त होने पर प्रभावी कार्यवाही की गई। जिले के शिवपुरी के पोहरी विकासखंड के ग्राम गणेशखेड़ा तथा बदरवास विकासखंड के ग्राम पचमेरी में टिड्डी दल के ठहराव के मद्देनजर इनके नियंत्रण के लिये 2-2 फायर ब्रिगेड से प्रत्येक दल पर 100 लीटर कीटनाशकों का उपयोग किया गया।
भोपाल संभाग के राजगढ़ जिले के जीरापुर विकासखंड के ग्राम गोबरधनपुरा एवं दुपाड़िया में टिड्डी दल के रुके होने के चलते इनके नियंत्रण के लिये 5 ट्रैक्टर चलित स्प्रे-पंप द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव कर टिड्डी को नष्ट किया गया। सीधी जिले के मझौली विकासखंड के ग्राम रूपईडोल में बिखरे हुए टिड्डी दल पर एक फायर ब्रिगेड की सहायता से कीटनाशकों का छिड़काव किया गया। मुरैना संभाग के श्योपुर जिले के विजयपुर विकासखंड के ग्राम चिलवानी में रात्रि में पाये गये टिड्डी दल के नियंत्रण के लिये 8 टैक्टर चलित स्प्रे-पंप और एक फायर ब्रिगेड द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव किया गया।
संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि एक टिड्डी दल पन्ना और सतना के बीच के जंगलों में तथा एक टिड्डी दल रायसेन और सागर जिले के सीमावर्ती जंगलों में रात्रि में विश्राम करता देखा गया है। इनके चलायमान होने और मैदानी क्षेत्र में रात्रि ठहराव सुनिश्चित होते ही संबंधित जिलों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं।