मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना से विदिशा जिले के ग्राम हांसुआ के श्री रामगोपाल शर्मा को आर्थिक सहारा ही नही बल्कि जीविका उपार्जन के संसाधन का सहारा बनी है। रामगोपाल शर्मा ने बताया कि 29 वर्षीय पुत्र रविकांत शर्मा मानसिक रूप से अविकसित होने के कारण अचानक गिरने से उसकी रीढ की हड्डी की संरचना में परिवर्तन आ गया था। जैसे भी हुआ हम इलाज के लिए हर बडे डाक्टर के यहां गए। सबसे पहले विदिशा की जीवनधारा अस्पताल में, भोपाल की पीपुल्स अस्पताल में और आखिरी में हमीदिया अस्पताल में विगत दो साल तक इलाज चलता रहा। पुत्र के इलाज के लिए कर्जे पर राशि भी ली। पुत्र मना करता रहा कर्जा मत लो, परन्तु मां और पिता का मन मानता नही है धीरे-धीरे करते हुए कर्जा डेढ़ लाख से अधिक हो गया था। पुत्र ने दीवाली के दूसरे दिन वर्ष 2019 में अंतिम सांस ली। उस समय उसका इलाज हमीदिया अस्पताल में चल रहा था जाते-जाते बोल गया कर्जा करके जा रहा हूं। शासन की संबल योजना ने दो लाख रूपए की राशि देकर पुत्र को कर्ज विमुक्त किया है। हांसुआ में सड़क के किनारे मोटर बायडिंग का कार्य करने वाले श्री रामगोपाल शर्मा का कहना है कि पुत्र ने जाते-जाते कर्जे से मुक्त ही नही किया बल्कि मां-बाप के लिए रोजगार संसाधन में वृद्धि की है। जब वह ठीक हुआ करता था तो बोला करता था कि अपनी दुकान बड़ी हो जाएगी। पुत्र की मनोइच्छा को ध्यानगत रखते मोटर बाईडिंग की दुकान को आगे बढ़ाया है। |
संबल योजना ने मृत पुत्र की ख्वाहिश को पूरा किया "सफलता की कहानी"
Sunday, June 14, 2020
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