वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के उद्देश्य से जब देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हुई तब बड़े पैमाने पर प्रवासी श्रमिकों ने अपने घर की राह पकड़ी। कोरोना संकट के समय तमाम कठिनाईयों का सामना करते हुए सुदूर प्रांतों से ग्वालियर जिले के श्रमिक भी अपने गाँव पहुँचे। कहीं साधन मिला तो कहीं पैदल भी चलना पड़ा। घर पहुँचने एवं प्रियजनों से मिलने के बाद प्रवासी श्रमिकों के सामने रोजगार की समस्या आ खड़ी हुई। ऐसे विपरीत हालातों में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए “रोजगार सेतु पोर्टल” ने प्रवासी श्रमिकों को बड़ा सहारा दिया है। कोरोना संकट की वजह से ग्वालियर जिले के ग्राम बेलगढ़ा में अन्य प्रांतों से लौटकर आए सुखदेव, राजू, हीरा व महेश सहित अन्य प्रवासी श्रमिक कहते हैं कि यदि प्रदेश सरकार ने गाँव में ही रोजगार न दिया होता तो हम सबको परिवार का भरण-पोषण करने में बड़ी दिक्कत आती। गाँव लौटने के बाद हमें पता चला कि प्रदेश सरकार ने हम जैसे प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के लिये रोजगार सेतु पोर्टल बनाया है। गाँव के पंचायत सचिव व रोजगार सहायक की मदद से हम सबने भी इस पोर्टल पर अपना पंजीयन करा दिया। पोर्टल पर पंजीयन कराने के एक दिन बाद पंचायत सचिव ने बताया कि जो लोग काम करना चाहते हैं उनके लिये महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत गाँव में चैकडैम निर्माण का काम शुरू किया गया है। फिर क्या हम सभी ने हामी भर दी और काम पर पहुँच गए। इस चैकडैम के माध्यम के जरिए हम सबको रोजगार तो मिल ही रहा है, साथ ही गाँव में एक जल संरचना भी तैयार हो रही है। इससे पशुओं को पीने का पानी मिलेगा और गाँव के जल स्तर में इजाफा होगा। महाराष्ट्र से आए प्रवासी श्रमिक राजू व रिंकू तथा लखनऊ उत्तरप्रदेश से अपने गाँव बेलगढ़ा लौटकर पहुँचे मुकेश व महेश के चेहरे पर गाँव में ही काम मिलने से आई खुशी देखते ही बनती है। वे कहते हैं कि अपने प्रियजनों तक पहुँचने के लिये मार्ग में आईं कठिनाईयों को हम सब तब भूल जाते हैं जब गाँव के चैकडैम पर काम करने के एवज में मिले पारिश्रमिक से खरीदे अनाज से बनी रोटी और सब्जी अपने प्रियजनों के साथ खाने बैठते हैं। इन सबका कहना है कि हमारे प्रदेश में सही मायने में जन हितैषी सरकार काबिज है। |
“रोजगार सेतु” की वजह से हम अपने प्रियजनों के साथ हैं (सफलता की कहानी )
Thursday, June 25, 2020
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