सरकार ने पंच-परमेश्वर योजना को पुन: प्रारंभ कर विकास को एक नई दिशा दी है। ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिये पंच-परमेश्वर योजना में राशि उपलब्ध करवाई गई है। इस राशि से ग्रामीण अंचलों में विकास के साथ पेयजल, स्वच्छता ओर स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। हाल ही में पंच-परमेश्वर योजना में 14वें वित्त आयोग की 1555 करोड़ की राशि ग्राम पंचायतों में भेजी गई है।
पंच-परमेश्वर योजना में कटनी जिले की 407 ग्राम पंचायतों को 29 करोड़ 88 लाख 16 हजार 492 की राशि आवंटित की गई है। ग्राम पंचायतों द्वारा इस राशि का उपयोग कोरोना की रोकथाम के साथ ही अच्छी गुणवत्ता के स्थाई प्रकृति के विकास कार्य में किया जा रहा है। पंचायतें प्राथमिकता के आधार पर जल और स्वच्छता संबंधी कार्य करवा रही हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी के दौरान सरकार ने कोविड-19 की रोकथाम के लिये ग्राम पंचायतों को 14वें वित्त आयोग की प्राप्त राशि से 15 प्रतिशत राशि खर्च करने की अनुमति दी है। इस राशि से मजदूरों एवं जरूरतमंदों को मास्क, साफ-सफाई, साबुन, सेनेटाइजर, पीपीई किट आदि खरीदे जा सकते हैं। जिले की ग्राम पंचायतों के अधोसंरचना विकास, पेयजल संबंधी और संधारण कार्य के लिये 14वें वित्त आयोग से एक पंचायत को औसतन 8 लाख रुपये तक प्राप्त हुए हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में लॉकडाउन अवधि में अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को स्थानीय रोजगार मुहैया कराने लगभग 6500 कार्य मनरेगा के चल रहे हैं। इसी प्रकार पंच-परमेश्वर योजना में भी जल स्वच्छता के टिकाऊ कार्य किये जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा स्थानीय और प्रवासी मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा काम मिले, इसके लिये जल संग्रह के काम, मेड़ बंधान, तालाब निर्माण, गहरीकरण, सम्पर्क ग्रामीण सड़क, खेत-तालाब, गौशाला निर्माण, नदी पुनरुद्धार, वॉटर शेड के काम बहुतायत में लिये गये हैं। वर्तमान में जिले में केवल मनरेगा के कार्यों से 72 हजार मानव दिवस प्रतिदिन रोजगार सृजित किया जा रहा है।
जनपद पंचायत कटनी की ग्राम पंचायत कैलवारा खुर्द के ग्राम प्रधान सरपंच माधुरी पाठक ने बताया कि ग्राम पंचायत में 145 मजदूर काम पर लगे हैं। पंच-परमेश्वर योजना में उनकी पंचायत को 10 लाख 98 हजार 753 रुपये मिले हैं। ग्राम पंचायत ने अब तक 5 हजार 98 मानव दिवस का रोजगार सृजित किया है। ग्राम पंचायत पड़रिया सरपंच आशीष तिवारी ने बताया कि पंच-परमेश्वर योजना में उन्हें 7 लाख 37 हजार 496 रुपये मिले हैं। ग्राम पंचायत में 125 मजदूर कार्यरत हैं तथा पंचायत ने 3 हजार 420 दिवस का रोजगार सृजित किया है। छहरी के सरपंच जगदीश उरमलिया ने बताया कि उनकी पंचायत को योजना में 5 लाख 95 हजार 431 रुपये मिले हैं। ग्राम पंचायत में 117 मजदूर काम पर हैं। अब तक 3 हजार 110 मानव दिवस का रोजगार सृजित किया है। ग्राम पंचायत मड़ई के सरपंच अशोक मांझी ने बताया कि उनकी पंचायत में 192 मजदूरों को काम दिया जा रहा है। पंच-परमेश्वर योजना में 7 लाख 54 हजार 197 रुपये मिले हैं। पठरा ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान राधा बाई कुशवाहा बताती हैं कि पंच-परमेश्वर योजना में उन्हें 4 लाख 68 हजार 31 रुपये िमले हैं। पंचायत में 281 मजदूर काम पर लगे हैं। ग्राम पंचायतों में पंच-परमेश्वर योजना की राशि से प्रवासी मजदूरों का आश्रय, प्रबंधन, बचाव के साधन सहित अन्य व्यवस्थाओं के अलावा पेयजल, स्वच्छता के काम भी लिये गये हैं।