छात्रों ने कहा मामा ने छात्रों के स्वास्थ्य हित में लिया है निर्णय
कोरोना संकट के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा दिये उनके गत वर्ष के सेमेस्टर के अंकों और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा व सेमेस्टर में प्रवेश देने के निर्णय से महाविद्यालयीन छात्रों और अभिभावकों में हर्ष व्याप्त है।
करमेता मदर टेरेसा स्कूल के पास रहने वाले अभिभावक मनोज जैन कहते हैं कि कोरोना के तेजी से फैलते संक्रमण से छात्रों को बचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया यह एक सार्थक निर्णय है। अधारताल निवासी शैलेन्द्र सिंह चौहान कहते हैं मेरी बेटी बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष में पढ़ रही है, मुख्यमंत्री के निर्णय का फायदा उसे भी अगले सेमेस्टर में प्रवेश के रूप में मिल जायेगा। वे कहते हैं मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि जो छात्र परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं, उनके पास परीक्षा देने का विकल्प भी मुख्यमंत्री ने दिया है। वे बाद में घोषित तिथि पर ऑफलाइन परीक्षा दे सकते हैं।
शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य कॉलेज जबलपुर की एम. कॉम चौथे सेमेस्टर की छात्रा रूपा तेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री मामा ने छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये ही छात्रहित में यह निर्णय लिया है। बी.ए. द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा कीर्ति धुर्वे, बी.कॉम चतुर्थ सेमेस्टर की अंजलि विश्वकर्मा और करिश्मा रघुवंशी ने कहा कि कोरोना के फैलते संक्रमण से बचाने मामा ने हम लोगों के हित में फैसला लिया है, वैसे भी उन्होंने परीक्षा देकर छात्रों को अपना परिणाम सुधारने का विकल्प दे दिया है। इसनिर्णय के लिये हम सभी मामा जी के आभारी हैं।
वहीं बी.ए. द्वितीय वर्ष द्वितीय सेमेस्टर के छात्र राहुल धूसिया और हर्षित कोरी कहते हैं कि कोरोना के दिन-व-दिन फैल रहे संक्रमण से छात्रों को बचाने के लिये हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों के हित में यह बड़ा निर्णय लिया है। इससे छात्रों को अभी बिना परीक्षा दिये अगली कक्षा में प्रवेश मिल जायेगा। बाद में जो छात्र परीक्षा देने का विकल्प चुनना चाहे उनके लिये मुख्यमंत्री ने यह विकल्प भी रखा ही है।
छात्रों ने अगली कक्षा में सीधे मिले रहे प्रवेश की खुशी व्यक्त करते हुये कहा कि कोरोना बीमारी के डर के बीच मुख्यमंत्री ने हम लोगों के मन से कम से कम परीक्षा का तनाव तो दूर कर ही दिया है। मामाजी का छात्र हित में यह निर्णय सराहनीय है, इसके लिये हम सभी उनके आभारी है।