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कोरोना संक्रमण की रोकथाम में आयुष विभाग का प्रभावी योगदान

आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी पद्धतियों से किया जा रहा इलाज


प्रदेश में आयुष विभाग द्वारा जनसाधारण को कोरोना संक्रमण से बचाव और इलाज के लिये बड़े पैमाने पर आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी पद्धति का प्रयोग किया जा रहा है। इसके तहत आयुष विभाग के 1847 दलों द्वारा गत मार्च से विभिन्न पद्धतियों की दवा और खासतौर पर आयुर्वेदिक काढ़े का डोर-टू-डोर वितरण किया जा रहा है।


इन दलों में सम्मिलित आयुष चिकित्सक, पैरामेडिक तथा आयुष चिकित्सक छात्रों द्वारा अब तक प्रदेश के एक करोड़ 29 लाख परिवारों के 3 करोड़ 14 लाख से अधिक लाभार्थियों को आयुष रोग प्रतिरोधक औषधियों का वितरण किया गया है। इनमें एक करोड़ 29 लाख शहरी क्षेत्र के और एक करोड़ 85 लाख ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थी शामिल हैं। चिकित्सा पैथियों के मान से 48 लाख परिवारों को आयुर्वेदिक दवा, 77 लाख परिवारों को होम्योपैथी दवा और 4 लाख परिवारों को यूनानी दवा दी गई। इस प्रकार कुल एक करोड़ 44 लाख आयुर्वेदिक दवा, एक करोड़ 54 लाख होम्योपैथी दवा तथा 16 लाख 60 हजार नागरिकों को यूनानी दवा वितरित की जा चुकी है।


यही नहीं आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक आयुष विभाग, मध्यप्रदेश ने आयुर्वेदिक काढ़ा, सनशवनी वटी तथा अणु तेल का वितरण भी 23 मार्च से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा 27 अप्रैल, 2020 से इसे जीवन अमृत योजना के अंतर्गत लिया गया। इसमें प्रदेश के एक करोड़ नागरिकों को त्रिकटू काढ़ा (चूर्ण) नि:शुल्क वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना के तहत 24 जून तक एक करोड़ 44 लाख 10 हजार व्यक्तियों को त्रिकटू काढ़े का वितरण किया जा चुका है। इसमें 27 अप्रैल के बाद लाभान्वित 72 लाख 61 हजार व्यक्ति भी सम्मिलित हैं। काढ़े की मॉनीटरिंग के लिए इसे सार्थक एप से भी जोड़ा गया है।


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