रासायनिक खाद के उपयोग से की जाने वाली खेती के उत्पादों से अब लोग कतराने लगे हैं। विशेषकर कोरोना संक्रमण के बाद से लोग अपनी इम्युनिटी बढ़ाने की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। जिससे किसान भी जैविक खेती की अपनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। जैविक खेती से कम लागत में अधिक और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन से किसानों को मुनाफा भी अधिक होता है।
बाड़ी विकासखण्ड के ग्राम बगलवाड़ा निवासी किसान श्री जगदीश कुशवाह भी उन किसानों में शामिल हैं जो जैविक खेती को अपनाकर कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। जगदीश बताते हैं कि वह सब्जी और हल्दी की खेती करते हैं। पहले रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करने से खेती की लागत ज्यादा आती थी और मुनाफा कम होता था। लेकिन पिछले साल से उन्होंने जैविक खेती करना प्रारंभ किया है। अब वह फसलों में जैविक खाद का उपयोग करते हैं जिससे उत्पादन में वृद्धि तो हुई ही हैं साथ ही लागत भी कम हो गई है। जगदीश बताते हैं कि जैविक पद्धति से पैदा की गई सामग्री की बजार में मांग अधिक होने से भाव भी अच्छा मिलता है। जिससे उनकी आय में बढ़ोत्तर हुई है। जगदीश के लिए जैविक खेती कर्म खर्च में फायदे का सौदा बनी है। कृषि विभाग और उद्यानिकी विभाग द्वारा भी किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सहायक उप संचालक कृषि श्री दुष्यंत धाकड़ ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना चल रही है। इस योजना में किसानों जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही जैविक खाद बनाने के लिए अनुदान पर सामग्री भी प्रदान की जाती है।
किसानों के लिए कम लागत में फायदे का सौदा साबित हो रही है जैविक खेती "कहानी सच्ची है"
Saturday, June 27, 2020
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