कलेक्टर ने धारा 144 अंतर्गत जारी किए आदेश
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री अविनाश लवानिया द्वारा वर्षा ऋतु के दौरान भोपाल शहर क्षेत्र में स्थित केरवा डेम, भदभदा और कलियासोत सहित छोटे-बड़े डेम पर सायं 7:00 बजे के बाद आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है। वर्षा ऋतु के दौरान इन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति, डेम का पानी छोड़ने और सुरक्षा संबंधी सावधानियों को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने धारा 144 अंतर्गत आदेश जारी किए हैं।
संभावित दुर्घटनाओं को रोकने हेतु केरवा डेम, भदभदा गेट एवं कलियासोत डेम क्षेत्र में प्रभावी कार्यवाही के लिए और जनहानि को नियंत्रित करने के लिए सायं 7:00 बजे के बाद आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही जिले की जल सरंचना के आसपास 100 मीटर के दायरे में जाना प्रतिबंधित किया गया है।
जल सरंचनाओं में पर्यटन विभाग की अनुमति के बिना निजी नावो का संचालन प्रतिबंधित रहेगा।
आदेश में बताया गया है कि डेम से पानी छोड़ने और जलभराव की स्थिति में पर्यटक और आम जनों को इन जगहों से दूर रखा जाए। यह आदेश आज दिनांक से 2 माह तक लागू रहेगा। धारा 144 के अंतर्गत जारी किए गए आदेश के उल्लंघन पर धारा 188 के अंतर्गत दण्डतात्मक क्रर्रवाई की जाएगी।
जारी आदेश में कलियासोत डेम के पानी लेवल को नियंत्रित करने हेतु पानी को कलियासोत नदी में गेट के माध्यम से छोड़े जाने के दौरान सुरक्षा संबंधी सावधानियों को बरतने के आदेश दिये हैं। वर्षा ऋतु में भोपाल के ताल-तालाब एवं नालों में भारी मात्रा में पानी खतरे की सीमा में ऊपर निकलता है। वर्षा ऋतु में भारी संख्या में जन समुदाय जलाशयों के आसपास भ्रमण हेतु जाते है और नहाने एवं तैराकी करने का प्रयास करते हैं जिससे किसी भी प्रकार की घटना अथवा दुर्घटना घटित होने संभावना रहती है।
कलेक्टर ने भोपाल क्षेत्र के केरवा डैम,भदभदा गेट एवं कलियासोत डैम के प्राकृतिक दृश्य को देखने हेतु आम जनता का सैलाब काफी अधिक रहता है वर्तमान में कलियासोत डेम का वाटर लेवल धारित क्षमता से अधिक होने के कारण समय-समय पर वाटर लेवल को नियंत्रित करने हेतु पानी को कलियासोत नदी में गेट के माध्यम से छोड़ा जाता है।
केरवा डेम, भदभदा गेट एवं कलियासोत डेम एक ऐसा स्थान है जहां पर भोपाल के अनेकों लोग बुजुर्ग महिलाएं बच्चे छात्र-छात्राएं एवं समाज के अन्य वर्ग के लोग घूमने जाते है। जिला भोपाल क्षेत्र के केरवा डेम, भदभदा गेट एवं कलियासोत डेम के उक्त दृश्य को देखने हेतु भोपाल शहर वासी काफी संख्या में एकत्रित होते हैं जिससे आवागमन अवरुद्ध होने के साथ जनहानि होने की संभावना बनी रहती है।