भारतीय नारी अपने विवेक से सही समय पर सही भूमिका का चुनाव करने में सक्षम है। ऐसी ही कहानी है डॉ. सरस्वती द्विवेदी की, जिनका मार्च 2020 को विवाह हुआ और 20 अप्रैल, 2020 को शासन के आदेशानुसार वे कोविड-19 के अंतर्गत सेवाएं देने इंदौर आ गई।
डॉ द्विवेदी ने गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल से एमबीबीएस किया है। एमबीबीएस पूर्ण करते ही बॉण्ड के अधीन उनकी नियुक्ति जबलपुर जिले के सिहोरा में सिविल अस्पताल में हुई। परन्तु कोविड संक्रमण के चलते 17 अप्रैल को उन्हें इंदौर सीएमएचओ के अंतर्गत सेवाएं देने के लिए आदेशित किया गया।
डॉ. सरस्वती द्विवेदी द्वारा दी जा रही सेवाओं का क्रम निरंतर जारी है। आज वे डीसीएच, डीसीएचसी एवं कोविड केयर सेंटर में उपलब्ध बैड की आईशोलेशन वार्ड, वेंटीलेटर, बाइपेप, एचडीयू, आईसीयू की जानकारी अद्यतन रख रही हैं। जिसके अनुसार कंट्रोल रुम से कोविड पेशेंट को स्थान उपलब्धता के आधार पर रेफर किया जाता है।
माता-पिता एवं सास-ससुर डॉ. सरस्वती के कोविड क्षेत्र में सेवा देने को लेकर चिंताग्रस्त भयभीत थे, किन्तु डॉ. सरस्वती के पति श्री राघवेंद्र मिश्रा व भाईयों ने उन्हें पूर्ण सहयोग दिया। उन्होंने परिवारजनों को मनाया और नवविवाहिता डॉ. सरस्वती अपने चिकित्सकीय दायित्वों को पूर्ण करने इंदौर आ गई।
गृहस्थी के दायित्व से पहले मानव सेवा का दायित्व निभाती डॉ. सरस्वती "कहानी सच्ची हैं"
Tuesday, June 02, 2020
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