कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते कई प्रवासी श्रमिक अपने घरों की ओर लौटे। लॉकडाउन के कारण उनका काम धंधा बंद हो गया। दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों के पास रोजगार ना होने से आय का साधन भी नहीं रहा। ऐसे में सभी अपने गांव की ओर पलायन करने लगे, लेकिन यहां भी यह समस्या थी कि भरण पोषण कैसे करेंगे। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। मनरेगा के तहत श्रमिक गांव में काम कर रहे हैं। शिवपुरी जिले के पिछोर के रहने वाले रामसेवक आदिवासी ने बताया कि वह मजदूरी के लिए आगरा गए थे। लॉकडाउन के दौरान काम बंद होने से वह पोहरी में अपने गांव में वापस आ गए हैं। यहां ग्राम पंचायत में चेकडैम बनाने का काम हो रहा है जिसमें उन्हें मजदूरी मिल रही है। उन्होंने कहा कि जब अपने ही गांव में काम मिल रहा है तो हम श्रमिकों के लिए इससे बड़ी खुशी की बात और क्या होगी। इससे हम अपने लोगो के बीच मे भी रह रहे हैं और आजीविका के लिए काम भी मिल रहा है। |
अपने ही गांव में काम मिलने से खुश हैं रामसेवक "सफलता की कहानी" - शिवपुरी |
Saturday, June 27, 2020
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