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आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश

श्रम सिद्धि अभियान: रोजगार की दिशा में अभिनव पहल


लॉकडाउन के दौरान मध्यप्रदेश वापस लौटे श्रमिकों के लिये शासन की श्रम सिद्धि योजना लाभदायक साबित हो रही है। अपने ही गाँव में रोजगार मिल जाने से श्रमिकों का जीवन आसान हुआ है। सरकार ने उन परिवारों की भी चिंता की है, जिसके पास मनरेगा के जॉब कार्ड नहीं थे, उन्हें भी श्रम सिद्धि अभियान से जोड़कर जॉबकार्ड बनाकर रोजगार दिया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिलों में मनरेगा अंतर्गत 20 अप्रैल से अभी तक श्रमिकों को पर्याप्त संख्या में रोजगार देने के प्रयास किए गए हैं।


प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा के तहत रोजगार सेतु एप में पंजीयन कराने से अपने गाँव लौटे मजदूरों को अपनी ग्राम पंचायत में ही रोजगार मिलने लगा है। प्रदेश की 22 हजार 219 ग्राम पंचायतों में एक लाख 91 हजार 299 कार्य चल रहे हैं। इनमें 23 लाख 4 हजार 588 मजदूरों को 1224 करोड़ 18 लाख की राशि का भुगतान किया जा चुका है। 


ऐसा ही एक जिला बैतूल जहाँ अभी तक 4323 नए जॉब कार्ड बनाए जाकर 24164 नए श्रमिकों को मनरेगा के कार्यों से जोड़ा गया। जिसके तहत 22.86 लाख मानव दिवस सृजित किए जाकर श्रमिकों को मजदूरी के रूप में 39.65 लाख रूपए राशि का भुगतान किया गया।


311 नए स्व-सहायता समूह गठित


मध्यप्रदेश डे-राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत बैतूल जिले में 311 नए स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है। लॉकडाउन के दौरान स्व-सहायता समूहों द्वारा कुल 3 लाख 46 हजार 708 मास्क निर्मित किए जाकर कुल 3 लाख 38 हजार 510 मास्क का विक्रय किया गया। इसके साथ ही स्व-सहायता समूहों द्वारा कुल 1430 लीटर सेनेटाइजर भी तैयार कर विक्रय किया गया, जिससे स्व-सहायता समूहों को आर्थिक स्वावलंबन प्राप्त करने में सहायता मिली है।


स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को स्व-रोजगार के बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बैतूल के दो विकासखण्डों मुलताई एवं बैतूल में नए आधुनिक सिलाई सेंटरों की स्थापना भी की गई है, जिनमें गणवेश सिलाई का कार्य कराया जाएगा। स्व-सहायता समूहों द्वारा लॉक डाउन अवधि में शासन से प्राप्त अनुमति के पश्चात् चलित किराना दुकान के माध्यम से उचित दर पर लोगों के घर पहुंच कर किराना एवं सब्जी का विक्रय भी किया गया है।


7617 आवासों का निर्माण प्रांरभ


बैतूल जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2019-20 के लिए प्राप्त 8 हजार आवासों के लक्ष्य के विरूद्ध 7617 आवासों का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जा चुका है। आवासों के लिये स्वीकृत राशि की प्रथम किश्त सिंगल क्लिक के माध्यम से हितग्राहियों के खातों में अंतरित की जा चुकी है।


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