कोरोना संकट काल के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों में दी जाने वाली सभी 6 सेवाएं निरंतर जारी रखी गई। इन सेवाओ में प्राथमिकता के आधार पर एवं हितग्राहियों विशेषकर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने और सभी पात्र हितग्राहियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 द्वारा निर्धारित प्रोटीन एवं कैलोरी मानक युक्त पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस दौरान 17 मार्च 2020 के अतिरिक्त 27 मार्च एवं 4 अपैल को सभी कलेक्टरों एवं जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र जारी कर आंगनवाड़ी केन्द्र बन्द रखे जाने की अवधि तक आंगनवाड़ी केन्द्र आने वाले 3 से 6 वर्ष के बच्चों, जिन्हें समान्य परिस्थियों में स्थानीय स्व सहायता समूहों के माध्यम से गर्म पके भोजन दिया जाता है, के स्थान पर गुणवत्ता युक्त रेडी टू ईट पोषण आहार प्रति हितग्राही प्रति दिवस निर्धारित मापदण्ड के अनुसार साप्ताहिक रूप से प्रदान किया जाये। इस दौरान 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों गर्भवती-धात्री महिलाओं एवं शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को भी THR/RTE प्रदाय करने के निर्देश जारी किया गये। महिला बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार समस्त श्रेणी के हितग्राहियों को 15 दिवस के अंतराल में पूरक पोषण आहार घर-घर जाकर प्रदाय करने के निर्देश दिये गये।
कोविड 19 के संक्रमण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुये प्रदेश के सभी 52 जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक, परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षको सहित कुल 3857 लोगों को विडियो कॉफ्रेन्स के माध्य से प्रमुख सचिव एवं आयुक्त महिला बाल विकास द्वारा कोविड संक्रमण काल में निर्वाध रूप से RTE हितग्राहियों के घरो तक प्रदाय करने एवं इस दौरान समाजिक दूरी एवं व्यक्तिगत स्वच्छता आदि का पालन करने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी।
प्रदेश में 42 हजार 266 स्व सहायता समूहों द्वारा स्थानीय स्तर पर रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार के रूप में सत्तू, पंजीरी, लड्डू चूरा, पौष्टिक मिक्चर, गुड़ पापड़ी आदि तैयार कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से 6माह से 6 वर्ष के 32 लाख 18 हजार 266 बच्चों, तीन से 6 वर्ष के 35 लाख 49 हजार 540 बच्चों को और 14 लाख 1 हजार 990 गर्भवती व धात्री महिलाओं को 15-15 दिवस के अन्तराल में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी एडवाइजरी के माध्यम से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों एवं गर्भवती माताओं को उच्च जोखिम की श्रेणी में रखते हुए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त घर से बाहर न जाने के एवं समाजिक दूरी बनाये रखने की सलाह दी गई है।
इस दौरान प्रदेश वापस लौटे 7 लाख 10 हजार 685 परिवारों के 6 माह से 3 वर्ष के 75 हजार 917 बच्चें, तीन से 6 वर्ष के 78 हजार 347 बच्चें, 21 हजार 677 गर्भवती महिलाओं एवं 17 हजार 805 धात्री माहिलाओं को भी पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कोविड 19 महामारी के संक्रमण के खतरे के दृष्टिगत 17 मार्च 2020 से आंगनवाड़ी केंद्रों को अस्थाई रूप से बंद किया गया