प्रदेश में कोरोना संकट काल के दौरान निर्बाध रूप से छोटे बच्चों और गर्भवती/धात्री महिलाओं को पोषण आहार वितरित किया जा रहा है। प्रदेश में 6 माह से 6 वर्ष के लगभग 32 लाख 18 हजार 266 बच्चों को आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं के माध्यम से रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार वितरित किया गया। स्थानीय स्तर पर लगभग 42 हजार 266 स्व-सहायता समूहों द्वारा रेडी-टू-ईट पोषण आहार के रूप में सत्तू, पंजीरी, लड्डू चूरा, पौष्टिक मिक्चर, गुड-पापड़ी आदि तैयार कर 15-15 दिवस के अंतराल में उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अलावा तीन से 6 वर्ष के 35 लाख 49 हजार 540 बच्चों और लगभग 14 लाख एक हजार 990 गर्भवती एवं धात्री माताओं को पूरक पोषण आहार वितरित किया गया। इस दौरान प्रदेश वापस लौटे 7 लाख 10 हजार 685 परिवारों के 6 माह से 3 वर्ष के 75 हजार 917 बच्चे, तीन से 6 वर्ष के 78 हजार 347 बच्चे, 21 हजार गर्भवती महिलाएँ एवं 17 हजार 805 धात्री माताओं को भी पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया गया।
महिला-बाल विकास विभाग द्वारा कोरोना संकट के दौरान आँगनवाड़ी केन्द्रों में दी जाने वाली सभी सेवाएँ निरंतर जारी रखी गई है। इन सेवाओं में प्राथमिकता के आधार पर, सभी पात्र हितग्राहियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 द्वारा निर्धारित प्रोटीन एवं कैलोरी मानक युक्त पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। विभाग द्वारा आँगनवाड़ी केन्द्र बन्द रखे जाने की अवधि तक आँगनवाड़ी केन्द्र आने वाले 3 से 6 वर्ष के बच्चों, जिन्हें सामान्य परिस्थितियों में स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से गर्म पका भोजन दिया जाता है, के स्थान पर गुणवत्तायुक्त रेडी-टू-ईट पोषण आहार प्रति हितग्राही प्रति दिवस निर्धारित मापदण्ड के अनुसार साप्ताहिक रूप से प्रदान किया जाता है। भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी श्रेणी के हितग्राहियों को 15 दिवस के अंतराल में पूरक पोषण आहार घर-घर जाकर प्रदाय करने के निर्देश दिये गये हैं।