अर्थ-व्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से लॉकडाउन के वर्तमान चरण में राज्य शासन ने कुछ उद्योगों को शुरू करने की अनुमति दी है। इसमें विभिन्न कारखानों, दुकान एवं वाणिज्यिक संस्थानों को सुरक्षा उपायों के साथ चालू किया गया है। राज्य शासन ने ऐसी स्थिति में उद्योग एवं श्रमिक हित में सभी श्रमिक संगठनों से अपेक्षा की है कि वे अपने संगठन के सदस्यों से अनुमति प्राप्त संस्थानों में उपस्थित होने के लिये अपील करें।
श्रमायुक्त ने बताया है कि श्रमिक अनुमति प्राप्त चालू कारखानों में नियोजक द्वारा कार्य पर बुलाने के बाद भी स्वैच्छिक रूप से अनुपस्थित रहते हैं, तो प्रबंधन उनकी ऐसी अनुपस्थिति के संबंध में वेतन कटौती करने के लिये स्वतंत्र रहेगा। इसलिये सभी श्रम संगठनों एवं श्रमिकों को परामर्श दिया गया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के स्पष्टीकरण और कार्य नहीं, वेतन नहीं के सिद्धांत के आधार पर अनुमति प्राप्त चालू उद्योगों एवं कारखानों में कार्य के लिये उपस्थित हों। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान जब तक उद्योगों को चलाने की अनुमति नहीं थी, तब तक वेतन का भुगतान बिना किसी कटौती के श्रमिकों को किये जाने के निर्देश थे।
नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी के संक्रमण की असाधारण परिस्थिति को देखते हुए प्रदेश के जिलों में लॉकडाउन की घोषणा के बाद राज्य में कारखाने, दुकानें एवं वाणिज्यिक संस्थाएँ पूर्णत: बंद किये गये थे। वर्तमान में राज्य शासन के निर्देश से विभिन्न कारखानों, दुकान एवं वाणिज्यिक संस्थानों को सुरक्षा उपायों के साथ चालू किया गया है।