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सोशल मीडिया की दस्तक से कामयाब हो रहा "अभियान चेतना"

कोविड महामारी में लॉकडाउन की स्थिति में अति कम वजन के बच्चों की उपयुक्त देखभाल के लिये प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में सोशल मीडिया का सहारा लेकर किया गया नवाचार काफी सफल सिद्ध हो रहा है।


जिले की परियोजना अधिकारी सुषमा भदौरिया ने सोशल मीडिया के माध्यम से नवाचार करते हुए अभियान चेतना-2 को बड़ी कामयाबी दिलाई है। उन्होंने अति कम वजन के बच्चों के माता-पिता को समझाइश देने के लिये व्हाट्सएप ग्रुप और मेसेज ग्रुप बनाया। इन ग्रुप्स में प्रतिदिन बच्चों की देखभाल करने से संबंधित संदेश भेजे जाते हैं। व्हाट्स एप पर अति कम वजन के बच्चों की फोटो मंगायी जाती है ताकि उनकी सेहत की स्थिति मालूम हो सके। साथ ही उन बच्चों को लॉकडाउन में रेडी-टू-ईट मील वितरित किये जाते हैं। इस वितरण की भी फोटो मंगायी जाती है। परियोजना अधिकारी बताती हैं कि जो संदेश बच्चों के माता-पिता को दिया जाता है वही संदेश आंगनवाडी कार्यकर्ता के व्हाट्स एप ग्रुप पर भी दिये जाते हैं ताकि वे बच्चों के माता-पिता को उपर्युक्त परामर्श दे सकें। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन अवधि में भी अतिआवश्यक होने पर बच्चों को भर्ती कराया गया। एनआरसी डेली रिपोर्टिंग ग्रुप के माध्यम से भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की रिपोर्ट भी ली जाती है।


परियोजना अधिकारी बताती हैं कि सोशल मीडिया के जरिये बच्चों और उनके माता-पिताओं से सहज संवाद सुनिश्चित होने के चलते बच्चों की मॉनिटरिंग और देखभाल होती है। किसी भी प्रकार की कमी या समस्या के बारे में बच्चों के पालक और आंगनवाडी केन्द्र के बीच सतत् संवाद से बच्चों के स्वास्थ्य की लगातार मॉनिटरिंग सुनिश्चित होती है।


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