प्रदेश में टिड्डी दलों के प्रवेश के मद्देनजर कृषि विभाग ने इनकी निगरानी और रोकथाम का अभियान शुरू कर दिया है। समस्त संभागों में कृषि विभाग के संयुक्त संचालकों कृषि तथा जिलों के उप संचालकों कृषि को सजगता बरतने तथा टिड्डी दलों से निपटने के लिये सभी जरूरी कदम उठाने की ताकीद की गई है।
संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि फिलहाल उज्जैन संभाग के जिलों में टिड्डी दलों की मौजूदगी की सूचना प्राप्त हुई है। रासायनिक पौध संरक्षण औषधि का छिड़काव कर इनका नियंत्रण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। दिन के समय में टिड्डी दल जिन जिलों में चलायमान होता है, वहां मैदानी अमला सतत् निगरानी कर रहा है। टिड्डी दल की निगरानी और रोकथाम के लिये कृषि विभाग के साथ-साथ केन्द्रीय दल और जिला प्रशासन के अधिकारी भी जुटे हुए हैं। साथ ही प्रभावित क्षेत्र वाले किसानों को भी आवश्यक समझाईश एवं रोकथाम के उपाय बताये जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 18 मई को मंदसौर जिले के विभिन्न ग्रामों में टिड्डी दल की रोकथाम के लिये प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशक का छिड़काव किया गया। इसी प्रकार 20 मई को भी 2 अन्य टिड्डी दलों पर काबू पाने के लिये कीटनाशक का उपयोग किया गया। टिड्डी दलों की प्रभावी रोकथाम के लिये 26 ट्रैक्टर चलित स्प्रे-पंप और 4 फायर ब्रिगेड का उपयोग किया गया। उज्जैन जिले के कुछ अन्य ग्रामों में भी छिड़काव के लिये ट्रैक्टर चलित स्प्रे-पंप और फायर ब्रिगेड का इस्तेमाल किया गया।
इनके अलावा नीमच, रतलाम, उज्जैन और देवास जिलों के टिड्डी दल प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशक का छिड़काव किया गया।
सूचना के मुताबिक उज्जैन जिले में 2 टिड्डी दल चल रहे हैं। फिलहाल महिदपुर झाड़ा के अलावा इंदौर जिले के देपालपुर और महू में टिड्डी दल चलायमान है। इनसे निपटने के लिये टिड्डी दलों की सतत् निगरानी की जा रही है। टिड्डी दलों के रात्रि ठहराव के स्थानों पर प्रात: 4 बजे से कीटनाशकों का छिड़काव किया जायेगा।