मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार प्रदेश के बाहर फँसे हुए श्रमिकों को रेल के माध्यम से वापस बुलाने के प्रथम चरण की कार्य-योजना फायनल कर ली गई है। मध्यप्रदेश शासन सभी श्रमिकों को रेल किराया का भुगतान भी करेगी। प्रथम चरण में 31 रेल गाड़ियाँ महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, गोवा एवं दिल्ली में फँसे श्रमिकों को लेकर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर यथा- भोपाल, जबलपुर, रतलाम, रीवा, कटनी आयेंगी। सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद ट्रेन में चढ़ाया जायेगा।
महाराष्ट्र से प्रथम चरण में 22 ट्रेनों में (प्रति ट्रेन लगभग 1200) लोग आयेंगे। गुजरात के राजकोट से भोपाल के लिये एक ट्रेन, हरियाणा के रिवाड़ी से कटनी के लिये 2 ट्रेन, नारनोल से कटनी के लिये 2 ट्रेन, दिल्ली से भोपाल के लिये एक ट्रेन, गोवा से भोपाल एक ट्रेन और गोवा से जबलपुर एक ट्रेन आयेगी।
इस प्रकार रेल मंत्रालय एवं उक्त राज्यों को 31 रेल गाड़ियों के लिये रीक्वीजेशन दे दी गई है। आगामी सप्ताह में ये रेल गाड़ियाँ प्रदेश में फँसे श्रमिकों को लेकर आयेंगी।
अपर मुख्य सचिव श्री आई.सी.पी. केशरी ने बताया है कि उक्त राज्यों के अधिकारियों के साथ लगातार सम्पर्क में हैं एवं श्रमिकों को सुरक्षित प्रदेश एवं घर तक पहुँचाने के लिये समन्वय कर रहे हैं।
प्रदेश के रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पहुँचने के बाद उनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं भोजन/नाश्ते की व्यवस्था संबंधित जिला प्रशासन द्वारा की जायेगी। उसके बाद बसों के माध्यम से उन्हें उनके जिलों तक भेजा जायेगा, जहाँ पुन: उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा। वापस आने पर सभी श्रमिक 14 दिन तक होम क्वारेंटाइन में रहेंगे।
महाराष्ट्र में फँसे मध्यप्रदेश के 26847 श्रमिकों को 22 ट्रेनों से वापस लाने का प्लान तैयार किया गया है। अमरावती से भोपाल एक ट्रेन में 1403, अमरावती से जबलपुर एक ट्रेन में 1202 , औरंगाबाद से रतलाम एक ट्रेन में 1155 ,औरंगाबाद से जबलपुर एक ट्रेन में 1093, नागपुर से भोपाल एक ट्रेन में 1488 ,नागपुर से रीवा एक ट्रेन में 944 ,नागपुर से जबलपुर 9 ट्रेन में 10809, नासिक से भोपाल एक ट्रेन में 1066, नासिक से रतलाम 3 ट्रेन में 3628, नासिक से रीवा एक ट्रेन में 1407 और नासिक से जबलपुर एक ट्रेन में 1316 श्रमिकों को लाने का प्लान तैयार किया गया है।