एनएडीसी कंट्रोल प्रोग्राम के तहत 302 करोड़ का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा
गौ-भैंसवंशीय पशुओं में होने वाली फूट एंड माउथ डिसिज (एफ एम डी) और ब्रूसेला डिसिज को कंट्रोल करने के लिए प्रदेश में 290 लाख गौ भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। इस योजना के लिए भारत सरकार द्वारा 13 हजार 300 करोड़ का प्रावधान रखा है। एक वर्षीय टीकाकरण योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी। राज्य शासन द्वारा 301 करोड 76 लाख की योजना केन्द्र को प्रस्तुत की गई है।इसमें प्रथम चरण के लिए 174.51 करोड़ एवं द्वितीय चरण के लिए 127.26 करोड का प्रावधान रखा गया है।
एक वर्षीय इस योजना के अंतर्गत 6 माह के अंतराल में दो बार पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। गत वर्ष प्रथम चरण के लिए 48 करोड़ 42 लाख का पुनर्वेधीकरण भारत सरकार द्वारा किया गया है। प्रथम चरण में मात्र गौवंश, भैंस वंशीय, बकरी भेड एवं सूकर का शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाएगा। इस योजना में सभी पशुओं की यूआईडी टैगिंग की जा रही है।
प्रदेश में पूर्व से ही एक अन्य पशु संजीवनी योजना के तहत प्राप्त 90 लाख टेग में से 70 लाख टेग्स पशुओं को लगाए जा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा प्रदेश की कुल 290 लाख गौ भैंस-वंशीय पशुओं के 90 प्रतिशत पशुओं के लिए 262 लाख एफ.एम.डी. टीका-द्रव्य उपलब्ध करा दिया गया है।