कोरोना लॉकडाउन में हर स्तर पर सभी अपनी जिम्मेदारियों का पालन कर मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में जरूरतमंदों की निस्वार्थ सेवा राहत पहुँचाती है। इस दौर में मंदसौर जिले के गाँव भुन्या खेड़ी की मुल्तानपुरा सेक्टर की आँगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती अर्चना परमार ने मिसाल कायम की है। उन्होंने अपने और गाँव वालों के सहयोग से अब तक लगभग 360 किलो गेहूँ जरूरतमंदों को वितरित किया है।
श्रीमती अर्चना बताती है कि एक दिन, एक महिला ने उसके घर का दरवाजा खटखटाया और बोली कि जीजी बड़ी मुसीबत में हूँ, कुछ मदद कर दो। अर्चना ने तुरंत अपने परिवार वालों को इस महिला की बात बताई। अर्चना के ससुर ने 50 किलो गेहूँ घर से दे दिया। अर्चना कहती है कि लॉकडाउन के चलते ये मुसीबत जल्दी खत्म नहीं होंगी। ऐसा नहीं है कि पंचायत से मदद नहीं मिल रही। उन्होंने गाँव में सर्वे और गृह भेंट के दौरान उन परिवारों को चिन्हित किया, जो परेशानी महसूस कर रहे है। इस स्थिति में गाँव के कृषक और सम्पन्न परिवारों से सम्पर्क किया और गाँव के लोगों के लिए दान लेना शुरू किया। श्रीमती अर्चना परमार अब तक लगभग 360 किलो गेहूँ वितरित कर चुकी है। कुछ परिवारों में उन्होंने स्वयं राशन और तेल, शक्कर का इंतजाम किया और कहीं आर्थिक रूप से भी मदद की। उनकी निस्वार्थ सेवा को गाँव के ही मददगारों से शक्ति मिल रहीं है।