प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान बैंक भी अपने कर्त्तव्यों के साथ सामाजिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। बैंकों द्वारा प्रदेश की जनता, व्यापारियों एवं आम नागरिकों को सेवाएँ दी जा रही हैं। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 7,806 बैंक शाखाओं, 9,345 ए.टी.एम., 10 हजार से भी अधिक बी.सी. एजेंट्स, 8,500 ग्रामीण सब-पोस्ट ऑफिस/पोस्ट ऑफिस, 10 हजार ग्रामीण डाक सेवक द्वारा बैंक शाखा स्तर पर ए.टी.एम., बी.सी. पाइंट के साथ घर पहुँच सेवाएँ भी प्रदान की जा रही हैं। इस प्रकार, लगभग 48 हजार से भी अधिक पाइंट से खाताधारकों को राशि आहरण की सुविधा उपलब्ध हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर बैंकों द्वारा शहरी क्षेत्र के कंटेनमेंट एरिया में नकदी आहरण/भुगतान की विशेष व्यवस्था की जा रही है। ग्रामीण स्तर पर खाताधारकों को घर पहुँच सेवा देने के लिये माइक्रो प्लानिंग में जिला प्रशासन के साथ मिलकर ग्रामवार रोस्टर तैयार किया गया है। अप्रैल माह के 20 दिनों में बैंकों के विभिन्न चैनल से खाताधारकों ने एक करोड़ 65 लाख ट्रांजेक्शन्स के माध्यम से 13 हजार 500 करोड़ रुपये की नगदी आहरित की है। बैंकिंग कार्यकाल के दौरान बैंकों तथा बी.सी. एजेंट्स द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
बैंकों द्वारा प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों के साथ नगरीय निकायों, जिला प्रशासन और पुलिस महकमे को भी धनराशि, मास्क, सेनिटाइजर, खाद्य सामग्री आदि आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। राजधानी के जिला अस्पताल, जे.पी. अस्पताल को भारतीय स्टेट बैंक द्वारा एक हजार एन-95 मास्क तथा एक हजार ग्लब्स, सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा 120 पीपीई किट्स के साथ 200 ग्लब्स, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा 100 पीपीई किट्स के साथ 200 ग्लब्स, बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा 200 पीपीई किट्स तथा बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा 50 पीपीई किट्स डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरा-मेडिकल स्टॉफ आदि फ्रन्टलाइन वरियर्स के उपयोग के लिये उपलब्ध कराए गए हैं। यूको बैंक द्वारा भी 250 पीपीई किट्स दिए जाने सहित अन्य बैंकों द्वारा भी प्रदेश के अस्पतालों के लिये आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है।