नगर निगम, भोपाल ने कोरोना टेस्टिंग बूथ एवं रेल कोच फैक्ट्री ने बनाया ‘‘चरक’’ संक्रमण रहित चिकित्सक कक्ष
कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए नगर निगम, भोपाल, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग के हजारों कर्मचारी 24 घण्टे नागरिकों की सेवा में संलग्न है। नागरिकों की सेवा में निरंतर लगन एवं सेवा भाव से कार्यरत कर्मचारियों, अधिकारियों एवं चिकित्सकों की भी सुरक्षा का शासन, प्रशासन, नगर निगम हर वक्त ध्यान रख रहा है। नगर निगम भोपाल द्वारा फुल बाॅडी सेनेटाइजेशन के बाद अब डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कोविड-19 जांच के लिए एक सुरक्षित टेस्टिंग बूथ का निर्माण किया गया है जिसमें डॉक्टर सुरक्षित रहकर संक्रमण की जांच कर सकेंगे जबकि रेल्वे कोच वर्कशाप निशातपुरा द्वारा कोरोना संक्रमण की जांच के लिए पूर्ण सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित बूथ ‘‘चरक’’ का निर्माण किया गया है जिसमें जांच से लेकर उपचार तक की व्यवस्था है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु कार्यरत चिकित्सकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के दृष्टिगत नगर निगम भोपाल द्वारा बनवाये गए फुल बाॅडी सेनेटाइजर की सफलता के बाद निगम आयुक्त श्री विजय दत्ता के निर्देश पर उपायुक्त श्री विनोद कुमार शुक्ल के निर्देशन में निगम के केन्द्रीय कर्मशाला में भी एक सुरक्षित कोरोना टेस्टिंग बूथ का निर्माण कराया गया है जिसकी टेस्टिंग मंगलवार को श्री विनोद कुमार शुक्ल एवं अन्य अधिकारियों ने की। इसके अतिरिक्त निगम आयुक्त श्री विजय दत्ता के निर्देश पर इस टेस्टिंग बूथ के अंदर रहकर चिकित्सक किसी भी मरीज के संक्रमण को जांच कर सकेंगे। निशातपुरा स्थित रेल कोच फैक्ट्री के इंजीनियर्स एवं टेक्निशियंस द्वारा विकसित संक्रमण रहित परीक्षण बूथ ‘‘चरक’’ का निरीक्षण निगम के उपायुक्त श्री हर्षित तिवारी एवं अन्य अधिकारियों द्वारा किया गया। उक्त परीक्षण बूथ रेल कोच वर्कशाप निशातपुरा के मुख्य कारखाना प्रबंधक श्री मनीष अग्रवाल के निर्देशन में वरिष्ठ इंजीनियर श्री सुनील टेलर और श्री कुमार आशीष की परिकल्पना एवं डिजाइन अनुसार रेल्वे के तकनीकि कर्मचारियों द्वारा तैयार किया गया है। इस बूथ का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि इसमें चिकित्सक संक्रमित मरीजों के आवश्यक स्वाब टेस्ट व अन्य जांच पूर्ण सुरक्षा के साथ बिना मरीज को संपर्क किए कर सकेंगे। चरक में चिकित्सा संस्थानों की आवश्यकता को देखते हुए स्ट्रेचर स्टूल, बेड, बेंचेस आदि का निर्माण पुराने रेल यात्री कोच के सामानों का उपयोग कर बनाए जा रहे है। रेल्वे के कर्मचारियों द्वारा आइसोलेशन कोच भी तैयार किए जा रहे है।
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