कोविड-19 के संदिग्ध/पुष्ट प्रकरण में मृत्यु होने पर मृतक के शव-प्रबंधन और निपटान के संबंध में राज्य शासन द्वारा भारत सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की मार्गदर्शिका का अनुसरण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नोवेल कोरोना वायरस एक नवीन विषाणु है, कोविड-19 को जन स्वास्थ्य आपदा घोषित किया गया है। अत: कोविड-19 के संदिग्ध/पुष्ट प्रकरण में मृत्यु होने की स्थिति में शव प्रबंधन और निपटान संबंधी उपयुक्त जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से यह निर्देश जारी किए गए हैं।
शव प्रबंधन व निपटान के दौरान संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी मानक सावधानिया बरतना आवश्यक होगा। समस्त पैरामैडिकल स्टाफ, मार्चुरी, एम्बुलेंस संचालन, शमशान/ कब्रिस्तान के कर्मियों को संक्रमण रोकथाम के मानक व्यवहारों पर प्रशिक्षण और एप्रेन, दस्ताने, मास्क, चश्मा आदि व्यक्तिगत सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। समस्त मेडिकल अपशिष्टों का प्रबंधन, बॉयोमैडिकल वेस्ट प्रबंधन मानकों के अनुसार करना, शव को विषाणु मुक्त करना, रिसावरोधी उपायों को सुनिश्चित करना और उपयोग में लाए गए सभी उपकरणों व सामग्री को विषाणुमुक्त (डिसइन्फैक्ट) करना भी आवश्यक होगा।
परिजन शव के अंतिम दर्शन कर सकेंगे पर छूने, चूमने, नहलाने से रोका जाएगा। ऐसी धार्मिक परम्पराएं जिनमें शव को छूने की आवश्यकता नही हो, उसके लिए परिजनों को अनुमति होगी। शवदाह के बाद राख का संग्रहण बिना किसी खतरे के किया जा सकता है। अंतिम संस्कार/दफानाने के बाद हाथों की अच्छे से सफाई आवश्यक रूप से सुनिश्चित की जाए। शमशान/कब्रिस्तानों में बड़ी संख्या में सामूहिक जमाव को नियंत्रित किया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग के उपाय सुनिश्चित किए जाए।