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सामुदायिक किचन शेड से लौटी हजारों चेहरे पर खुशी

कहते हैं कि भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य होता है। विश्व के बहुतायत देशों के साथ ही हमारे आज समूचे देश में कोरोना वायरस का आतंक छाया हुआ है। इसका मूलभूत उपाय है- इंसान से इंसान की दूरी। इसे सुनिश्चित करने के लिए पूरा देश लॉक डाउन की स्थिति काक सामना कर रहा है।


लॉक डाउन का सख्ती से पालन तय कराये जाने के साथ ही समाज के गरीब, मजदूरों, वृद्ध और असहाय तथा निराश्रित लोगों के सामने एक समस्या और आ खड़ी हुई-रोटी की... भोजन की...।


मन में यदि मदद की चाह हो तो राह निकल ही आती है। बुरहानपुर में जिला प्रशासन के सहयोग से जन-सहयोग से एक सामुदायिक किचन शेड बनाया गया है। जरुरतमंदों को भोजन उपलब्ध करापने की इस पहल में शहर के आम-जनों और स्थानीय व्यापारियों द्वारा भागीदारी की जा रही है। लोगों द्वारा स्वप्रेरणा से अनाज,खाद्यान्न, सब्जियां, तेल-मसाले और गैस सिलेण्डर इस सामुदायिक किचन शेड़ को उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रतिदिन 80 हजार रुपये का खर्च आपस में मिल-जुल कर वहन किया जा रहा है। बड़ी संख्या में चेहरे पर लौटती हुई मुस्कान कहती है- हम साथ लडेंगे और जीतेंगे भी।


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