राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कोरोना वायरस संकट के कारण अपना जन्मोत्सव नहीं मनाया। उन्होंने राजभवन परिवार के आग्रह पर जवाहरखंड परिसर में औषधीय गुण सम्पन्न हर सिंगार का पौधा लगाया।
हर सिंगार पौधे की विशेषताएं
हरसिंगार का फूल पश्चिम बंगाल राज्य का राजकीय पुष्प है। इस खुशबूदार सफेद, गुलाबी रंग के फूल को देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है। पौराणिक एवं लोक कथाओं में भी हरसिंगार पुष्प की महत्ता का उल्लेख है। यह पौधा केवल रात में खिलता है। सुबह इस पौधे के सारे फूल झड़ जाते हैं। इस पौधे का वानस्पतिक नाम निक्टेंथस आर्बरट्रिस्टिस है।
हर सिंगार का औषधीय उपयोग
हरसिंगार पौधा जोड़ों के दर्द, साइटिका आदि अन्य रोगों के इलाज में लाभकारी है। आयुर्वेद में इस पौधे के फूल, पत्तियां, छाल, बीज की बहुत मांग है। हरसिंगार का पौधा हृदय रोग, ज्वर, सूखी-खांसी, अस्थि-मज्जा में रक्त को साफ करने में, गठिया रोग, घाव का इलाज, त्वचा विकारों, मधुमेह, पाचन शक्ति बढ़ाने, तनाव दूर करने आदि में भी काम आता है।