गरज-चमक के साथ वर्षा होने तथा आसमान में बादल छाये रहने की सम्भावना, किसान भाई तैयार फसलों की कटाई का कार्य टाल दें, कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थानों में रखें, फसल के अवशेष (नरवाई) को न जलायें
जिले में आनेवाले 24 तथा 25 अप्रैल के दौरान गरज-चमक के साथ वर्षा होने तथा आसमान में बादल छाये रहने की सम्भावना हैं। दिन का अधिकतम तापमान 38 डि.से. के आस-पास तथा रात का न्यूनतम तापमान में 22-24 डि.से. के मध्य रहने की संभावना हैं। हवा की औसत गति 11 से 14 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना हैं। आनेवाले 5 दिनों के दौरान दिन का तापमान 38 डि.से. के आसपास रहने की संभावना को देखते हुए, किसान भाई, खाली खेत में गर्मी की मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई (20-25 से.मी.) कर खुला छोड़ दे, ताकि सूर्यताप से कीट-व्याधियों के अण्डे तथा खरपतवार के बीज नष्ट हो सकें। मिर्ची की फसल में पत्ती सिकुड़न (लीफ कर्ल) रोग का प्रकोप देखा जा रहा है, इससे बचाव हेतु किसान भाई, मिथायल डेमेटाँन 25 ई.सी. दवा की 2 मिली लीटर अथवा इमेडाक्लोप्रिड दवा 0.5 मिली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें तथा छिड़काव आसमान साफ होने पर करें। किसान भाई भिंडी की फसल में जैसिड की निरंतर निगरानी करते रहें। अधिक पाये जाने पर मिथाइल डेमैटान दवा की 1.5 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें तथा छिड़काव आसमान साफ होने पर करें। नींबूवर्गीय पुराने पौधों के तनें पर चुने में ब्लाइटाक्स मिलाकर लेप करें ताकि तेज धुप से तने को क्षति न पंहुचे तथा सिंचाई करते रहें। कद्दूवर्गीय सब्जियां जैसे- कद्दू, लौकी, टिण्डा, करेला, तरबूज एवं खरबूज इत्यादि में लाल कीड़ा एवं फल मक्खी का प्रकोप देखा जा रहा है, इससे बचाव हेतु किसान भाई, ट्राईजोफास 40 ई.सी. दवा की 2 मिली लीटर प्रति लीटर पानी की दर से दवा का छिड़काव मौसम साफ रहने पर करें। वर्तमान मौसम में अमरुद में प्रूनिंग का कार्य करें जिससे अधिक से अधिक उपज प्राप्त हो सकें। आनेवाले 5 दिनों के दौरान हवा की औसत गति 11 से 14 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना को देखते हुये, कच्चे छ्तवाले पशुशालाओं के गिरने का डर बना रहता है इसलिए कच्चे पशुशालाओं की मरमत का कार्य अति शीघ्र करें ताकि कच्चे छ्तवाले पशुशालाओं में पशु सुरक्षित रहें। आनेवाले 5 दिनों के दौरान दिन का तापमान 38 डि.से. के आसपास रहने की संभावना को देखते हुए, किसान भाई दूधारु पशुऔं को दिन में 2-3 बार पानी पिलायें तथा हरा व रसदार चारा पर्याप्त मात्रा में खिलायें। गर्मी के मौसम को देखते हुए, मुर्गीघरो की दीवारों तथा छतों को सफेद चूने से पुतवाने का कार्य करें। इससे मुर्गीघरो का तापमान लगभग 2 से 3 डि. से. तक कम हो जाता है। पशु पालको को सलाह दी जाती है कि वे गर्मी के मौसम में अंतः एवं बाह्य परजीवी से बचाव हेतु पशुओं दवापान करायें।