प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के दौरान खण्डवा और हरसूद के रैन-बसेरा और अन्य आश्रय-स्थलों में रुके हुए मजदूरों को जिला प्रशासन ने 6 बसों से सतना, रीवा, डिण्डोरी, ग्वालियर और बैतूल के लिये रवाना किया गया। मजदूरों को घर रवाना करने से पहले सर्किट-हाउस के पास स्थित छात्रावास परिसर में स्वादिष्ट भोजन कराया गया। मजदूरों के चेहरों पर अपने घरों के लिये बस से वापस जाने की खुशी स्पष्ट दिख रही थी।
जहानाबाद (बिहार) जिले के रहने वाले चंदन चौहान ने बताया कि वह नासिक में मजदूरी करते थे। लॉकडाउन होने से फैक्ट्री मालिक ने सभी मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया। खाने-पीने और रुकने की समस्या को देखते हुए वे नासिक से खण्डवा तक पैदल आ गये। इतने लम्बे समय से पैदल चलने से पैरों में छाले पड़ गये थे। खण्डवा पहुँचने पर अन्य प्रवासी मजदूरों के साथ उनका छात्रावास में इंतजाम किया गया। यहाँ भोजन की भी सुविधा थी। एक अन्य प्रवासी मजदूर सत्येन्द्र पासवान, जो बिहार के रहने वाले हैं, उन्होंने भी खण्डवा में रुकने और खाने-पीने के इंतजाम की सराहना की।
खण्डवा से 3 बस और एक जीप से इन मजदूरों को उनके रवाना किया गया। बिहार राज्य के 14 मजदूरों को मध्यप्रदेश की सीमा तक विशेष वाहनों से पहुँचाने की व्यवस्था की गई।