प्रदेश के मासूम बच्चे भी अब कोरोना वायरस के खतरों को समझने लगे हैं। बड़ों के साथ ये बच्चे भी कोरोना के खतरे से निपटने में घर पर रहकर परिवार को सहयोग कर रहे हैं। बड़ों की देखादेखी खुद भी अपनी बचत के पैसे इस बीमारी की रोकथाम के लिये देने लगे हैं। ग्वालियर शहर की 9 वर्षीय कुमार अन्वी दुबे ने कंट्रोल रूम पहुँचकर कमिश्नर श्री एम.बी. ओझा को अपनी गुल्लक में साल भर में इक्कठा किये गये 11 हजार रुपये सौंप दिये।
मासूम अन्वी से जब कमिश्नर ने पूछा कि इतनी बड़ी राशि क्यों दे रही हो, तो उसके जवाब ने वहाँ मौजूद अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों को भी आश्चर्यचकित कर दिया। कुमारी अन्वी ने कहा था कि मैंने तो ये पैसे अपने जन्मदिन के लिये इक्कठा किये थे लेकिन लोगों को इस महामारी से जूझते हुए देखकर मैंने सोचा कि जन्मदिन मनाने से ज्यादा जरूरी है लोगों की मदद करना। कमिश्नर श्री ओझा ने मासूम की बात को सुनकर उसे आर्शीवाद दिया।
सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने दी एक माह की पेंशन राशि 51 हजार
पुलिस विभाग से एसडीओपी के पद से सेवानिवृत्त अधिकारी श्री के.डी. सोनकिया भी स्व-प्ररेणा से कंट्रोल रूम पहुँचे और कमिश्नर श्री एम.बी. ओझा को अपने एक माह की पेंशन की कुल राशि 51 हजार रुपये का चैक सौंपा। उन्होंने ने कहा कि मैं जीवन पर्यन्त मानवता के प्रति अपने कर्त्तव्य का पालन करते रहने के लिये कटिबद्ध हूँ। महामारी के इस दौर में शासन को यथासंभव आर्थिक सहयोग देकर अपने नैतिक दायित्व का पालन कर रहा हूँ। कमिश्नर श्री ओझा ने श्री सोनकिया का आभार व्यक्त किया।