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कोरोना से लड़ने के लिए "आई.आई.टी.टी." रणनीति पर हो प्रभावी अमल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा


 


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि प्रदेश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आई.आई.टी.टी. (आईडेंटिफिकेशन, आइसोलशन, टेस्टिंग एंड ट्रीटमेंट) की रणनीति पर प्रभावी रूप से से अमल किया जाए। उन्होनें कहा कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण फैले नहीं, इसके लिए संक्रमित क्षेत्रों से कोई अंदर बाहर ना आ-जा सके़, प्रत्येक मरीज ठीक हो जाए, इसके लिए पूरे प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं बचाब तथा उपचार की व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान, सचिव जनसंपर्क श्री पी. नरहरि आदि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


22 जिलों में कुल 564 कोरोना पॉजिटिव


समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रदेश में अभी तक कुल 8250 व्यक्तियों का कोरोना टैस्ट किया गया है, जिनमें से 6867 व्यक्तियों की रिपोर्ट नेगेटिव, 564 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तथा 2931 व्यक्तियों की रिपोर्ट आनी बाकी है। प्रदेश के 1158 टेस्ट में से 12 अप्रैल को 1067 की रिपोर्ट नेगेटिव, 32 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तथा 59 की रिपोर्ट आना बाकी है। कोरोना से प्रदेश के 22 जिले प्रभावित हैं तथा 42 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। इंदौर जिले में 310 मरीज, जबलपुर 09, भोपाल 142, उज्जैन 14, ग्वालियर 02, शिवपुरी 02, खरगौन 14, मुरैना 13, छिंदवाड़ा 02, बड़वानी 14, विदिशा 13, बैतूल 01, होशंगाबाद 10, श्योपुर 02, रायसेन 01, देवास 03, धार 01, खंडवा 06, सागर 01, शाजापुर 01, मंदसौर 01 तथा रतलाम में 01 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं।


संक्रमित क्षेत्रों में कोई आ-जा ना सके


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश के 22 संक्रमित जिलों के 564 संक्रमित क्षेत्रों को पूरी तरह सील कर दिया गया है। अतः यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां से कोई भी व्यक्ति अंदर-बाहर आ-जा-ना सके। इस कार्य के लिए तकनीकी प्रक्रिया का भी प्रयोग किया जाए। ड्रोन से निगरानी रखी जाए। आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जाए।


जरूरी चीजों की ना हो कमी


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में किसी भी क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की बिल्कुल कमी नहीं होनी चाहिए। कहीं भी सप्लाई चैन टूटे नहीं । हॉटस्पॉट क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे वहां सभी आवश्यक वस्तुएं पहुंचे। प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन श्री संजय दुबे ने बताया कि भोपाल में 400 वाहनों से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है। इंदौर में भी 1000 लोडर वाहनों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रारंभ की गई है। सांची पार्लर खुले हैं तथा हाथ ठेलों को भी जांच उपरांत प्रारंभ किया जा रहा है।


हवाई जहाज से दिल्ली भेजे गए सैंपल


मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि प्रदेश में कोरोना सैंपल कलेक्शन निरंतर बढ़ रहा है। आज पैंडिंग सैंपल्स को जांच के लिए हवाई जहाज से दिल्ली लैब में भिजवाया गया है। साथ ही, सैंपल टेस्ट के लिए कोटा में भी भिजवाए जाने की व्यवस्था की जा रही है।


स्वस्थ होकर घर लौटे 55 लोग


समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रदेश में 55 कोरोना संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं। इंदौर में ही आज 7 व्यक्तियों को डिस्चार्ज किया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे व्यक्ति, जो कोरोना को हराकर स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं, वे भी योद्धा से कम नहीं हैं। उन सभी को मेरी शुभकामनाएं।


शीघ्र ही चालू हो जाएंगी14 लैब


बैठक में बताया गया कि कोरोना वायरस टैस्टिंग के लिए प्रदेश में अभी 7 लैब कार्य कर रहे हैं और 14 लैब शीघ्र ही चालू हो जाएंगे तथा 20 और बनेंगे। इस प्रकार प्रदेश में कुल 34 कोरोना टैस्टिंग लैब हो जाएंगे।


04 लाख 68 हजार मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण


अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक कुल 4 लाख 68 हजार 482 मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। इनमें प्रदेश के बाहर से आए मजदूर भी शामिल हैं। प्रदेश में विभिन्न राज्यों के 18174 मजदूर रह रहे हैं। सभी मजदूरों के लिए खाद्यान्न एवं भोजन आदि की व्यवस्था कराई गई है। साथ ही उन्हें आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक तथा यूनानी दवाओं का वितरण भी किया जा रहा है।


गाइडलाइन आने के बाद सीमित आर्थिक गतिविधियाँ


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि 14 अप्रैल के बाद प्रदेश में भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार सीमित आर्थिक गतिविधियाँ प्रारंभ की जाएंगी। जिन जिलों में संक्रमण नहीं है, वहां मनरेगा के कार्य भी प्रारंभ किए जाएंगे। इसके अलावा, तेंदूपत्ता संग्रहण, महुआ तथा अन्य वनोपज संग्रहण का कार्य वनोपज समितियों के माध्यम से किया जाएगा। स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा मास्क बनाने आदि की गतिविधियाँ भी संचालित की जाएंगी। समूहों की महिलाओं को नरेगा योजना में आर्थिक मदद के लिये भारत सरकार से आग्रह किया जायेगा।


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