प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के संक्रमण की संभावना वाले क्षेत्रों को छोड़कर शेष ग्राम पंचायतों में मनरेगा के काम प्रारंभ किए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा है कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सामाजिक दूरी का पालन करते हुए स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन कर जल संरक्षण, जल संवर्धन, कृषि, सिंचाई गतिविधियों, व्यक्तिमूलक कार्य प्रारंभ कराए जाएं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कार्य-स्थल पर आवश्यक सुरक्षा इंतजाम करने और श्रमिकों को जागरुक करने के लिए पेम्पलेट बाँटे जाएं। जिलों द्वारा भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कार्य कराने एवं प्रतिदिन मेट द्वारा कार्य-स्थल पर आवश्यक इंतजाम की चेकलिस्ट जारी की गयी है।
जिला स्तर से करना होगा अनुपालन
जिले के किसी भी क्षेत्र को कन्टेनमेन्ट घोषित होने पर किसी भी स्थिति में उस क्षेत्र में मनरेगा के कार्य नहीं कराए जाएंगे। जिले में कोरोना संक्रमण की परिस्थिति के अनुरूप ही कार्य कराने होंगे। मनरेगा के कार्यों को प्रारंभ करते समय व्यक्तिमूलक कार्य/स्वच्छता संबंधी कार्य/सिंचाई/कृषिमूलक कार्य/ जल संरक्षण कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। स्वच्छाग्राही/ स्व-सहायता समूह के सदस्य को मेट बनाए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी। मनरेगा कार्यों पर नियोजित होने वाले श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कलेक्टर द्वारा स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
कार्यस्थल पर कोरोना संक्रमण से बचाव के करने होगे इंतजाम
अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा है कि कार्य-स्थल पर श्रमिकों को कोरोना संक्रगमण से बचाने के लिए जागरुक किया जाएगा। श्रमिकों को कार्य-स्थल पर मुंह एवं चेहरे को ढकने के लिए मास्क या गमछा लगाने की अनिवार्यता होगी। श्रमिकों को कार्य आवंटन इस प्रकार करना होगा, जिसमें श्रमिकों के बीच 6 फिट से अधिक दूरी हो। साथ ही, कार्य-स्थल पर श्रमिकों धूम्रपान, गुटका, तम्बाकु सेवन और थूकना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा, कार्य-स्थल पर पानी और साबुन का इंतजाम रहेगा तथा श्रमिकों को नियमित अंतराल पश्चात हाथ धोना होगा। श्रमिक द्वारा कार्य के बाद वापस घर जाने पर उसके कपड़ों को साबुन या डिटर्जेंट से धोकर स्नान करना होगा, जिससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सके। प्रत्येक कार्य-स्थल पर मेट द्वारा चैकलिस्ट बनाई जाएगी।