प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये औद्योगिक विकास केन्द्र इंदौर ने बड़े पैमाने पर जीवन रक्षक पीपीई किट्स बनाने का बीड़ा उठाया है। मुख्य सचिव ने गुजरात, महाराष्ट्र तथा बेंगलुरू के उत्पादकों से चर्चा कर 2 लाख किट्स बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित की है।
इंदौर की वस्त्र उद्योग की सबसे बड़ी कम्पनी प्रतिभा सिन्टेक्स को पीपीई किट्स के उत्पादन के लिये चुना गया है। इसके साथ इनोवेटिव, पेपकॉन एवं ट्रेंड्स एपरेल को जोड़ा गया है। पीपीई किट के प्रोटोटाइप के सेम्पल प्रतिभा सिन्टेक्स द्वारा तैयार किये गये। इसे टेस्टिंग के लिये डीआरडीओ ग्वालियर भेजा गया, जहाँ दोनों प्रकार के किट उपयुक्त पाये गये। एक डॉक्टरों के लिए तथा दूसरा पैरामेडिकल स्टॉफ एवं अन्य कर्मचारियों के लिये हैं।
लॉकडाउन में कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये प्रतिभा सिन्टेक्स ने अपने कर्मचारियों के लिये यूनिट परिसर में ही हॉस्टल में रहने की व्यवस्था की है। अन्य कम्पनियों के कर्मचारियों को पास देने के इंतजाम किये गये हैं।
नतीजतन पहले सप्ताह में ही 3000 पीपीई किट प्रतिदिन का उत्पादन करने में इकाइयाँ सक्षम हो गईं। सभी स्टेक होल्डर्स के संगठित प्रयासों से उत्पादन क्षमता 7 से 8 हजार किट प्रतिदिन तक पहुँच गई है। उत्पादन और अधिक बढ़ाने तथा पूरे राज्य की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर करने के लिये ट्रायडेंट लिमिटेड बुधनी को भी पीपीई किट्स के उत्पादन से जोड़ा गया है। आगामी सप्ताह से 10 हजार किट प्रतिदिन का उत्पादन संभव हो सकेगा।
स्थानीय स्तर पर पीपीई किट्स बनाने से दो फायदे हुए हैं। पहली तो यह है कि पीपीई किट की उपलब्धता तत्काल सुनिश्चित हो सकी है। दूसरी डिलेवरी और ट्रांसपोर्ट में लगने वाले समय की बचत के रूप में हुई है।