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कोरोना संकट में ऑनलाइन नियमित पढ़ाई करा रहे विश्वविद्यालय

इटंरएक्टिव कक्षाएं और ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल उपलब्ध
राज्यपाल श्री टंडन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में की विश्वविद्यालयों की समीक्षा


राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नियमित पढाई व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की। कांफ्रेस में उनको बताया गया कि प्रदेश में विश्वविद्यालयों द्वारा छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों की इटंरएक्टिव ऑन लाइन क्लासेज, ऑडियो-वीडियो लेक्चर और स्टडी मेटेरियल की सप्लाई की जा रही है। लॉक डाऊन समाप्त होने पर विश्वविद्यालयों ने मई के प्रथम सप्ताह से जून के मध्य परीक्षाएं संचालित करने की तैयारी कर ली है। परीक्षा परिणाम जुलाई माह के द्वितीय सप्ताह में घोषित किये जा सकेंगे।


 


राज्यपाल श्री टंडन ने विपरीत परिस्थितियों में शैक्षणिक उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन करने के लिए विश्वविद्यालयों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस संकट के दौर में प्रदेश के बुद्धिजीवियों और छात्र-छात्राओं ने महत्वपूर्ण योगदान दे कर दुनिया के सामने मिसाल पेश की है। उन्होने कहा कि जिस समर्पण और सक्रियता से विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य विभाग की सूचनाओं को जनमानस में प्रसारित किया गया है, वह सराहनीय और अनुकरणीय है।


श्री लाल जी टंडन ने कुलपतियों से कहा कि लाखों छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्माता हैं। उन्होने कहा कि इनके हितों का संरक्षण हम सबकी मूल जिम्मेदारी है। इस तथ्य को सदैव ध्यान में रखें। उन्होने कहा कि छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण के लिए प्रयास करें। बौद्धिक विकास के कार्यों पर फोकस करें। शोध अनुसंधान के कार्यों में गति लायें। राज्यपाल ने विद्यार्थियों की रोजगारपरक शिक्षा के लिए नवाचार और आवश्यक तैयारियाँ करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नियमित शिक्षण कार्य के साथ ही शोध और अनुसंधान के लिए आवश्यक तथ्यों की ऑनलाइन उपलब्धता के प्रबंध भी किए जाएं।


  राज्यपाल ने कहा कि कोरोना संकट बड़ा है लेकिन भयभीत नहीं होना है बल्कि इसके स्वरूप को नियंत्रित रखने के लिए प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ते हुए प्रथम चरण को पार कर हम दूसरे दौर में पहुँच गए हैं। घर पर रहते हुए प्रत्येक व्यक्ति इस जंग का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सारा विश्व आज भारत की ओर आशा से देख रहा है। भारतीय परम्परा से ही इस संकट का निदान निकलेगा। युवाओं और किसानों में आत्म-विश्वास और आत्म-गौरव का संचार करें। राज्यपाल ने कहा कि जो लोग चुनौती को स्वीकार करते हैं, वे ही बड़े परिवर्तन के साक्षी बनते हैं। उन्होने कहा कि कोरोना संकट की चुनौती के बाद बड़े सामाजिक और आर्थिक बदलाव होंगे तथा देश और प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा। इस परिप्रेक्ष्य में तैयारियां शुरू की जाएं।


राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 7 बातों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है। हम सब का यह दायित्व है कि हम इन बातों का निष्ठा से पालन करें। अपने बुजुर्गों का खास ख्याल रखें। जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी एक्स्ट्रा देखभाल करें। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करें। काढ़ा और गर्म पानी का सेवन करें। कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए आरोग्य सेतु एप को जरूर डाउनलोड करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। जितना हो सकें, गरीबों की देखरेख और भोजन की व्यवस्था अवश्य करें। अपने व्यापार और उद्योग में काम करने वालों के प्रति संवेदना रखें, उन्हें नौकरी से नहीं निकालें। कोरोना योद्धाओं-डॉक्टर्स, नर्स, पुलिस और सफाई कामगारों का आदर-सम्मान करें।


राज्यपाल श्री टंडन ने संस्कृत विश्वविद्यालय को देश के महान सुश्रुत, चरक, आर्यभट्ट, नागार्जुन, सांदीपनि आदि शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, दर्शन, और गणित के क्षेत्र में अनेक महापुरूषों का कार्य और जीवन परिचय युवाओं को उपलब्ध कराने का प्रयास करने के लिए कहा। उनके संबंध में संस्कृत और हिन्दी में ग्रंथ तैयार कराएं।


राज्यपाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ चर्चा कर उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी ली। बताया गया कि ऑडियो-वीडियो लेक्चर और पाठ्यक्रम की अध्ययन सामग्री वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। इनके संबंध में ई-मेल, एसएमएस और व्हाट्सअप मैसेजके द्वारा छात्र-छात्राओं को सूचित भी किया जा रहा है।


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