प्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने के लिये 24 मार्च से लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान अत्यावश्यक सेवाओं की बहाली के लिये औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग ने प्रदेश के कमिश्नर्स, कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
निर्देशों में बताया गया है कि पूरे प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित उद्योग, स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड), एमपीआईडीसी और डीआईसी के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक इकाइयाँ, एक्सपोर्ट ओरिएंटेंड यूनिट और वे औद्योगिक इकाइयाँ, दवाइयाँ, चिकित्सकीय उपकरण, अत्यावश्यक वस्तुओं का निर्माण करने वाली इकाइयाँ और कोल्ड स्टोरेज काम कर सकेंगे।
परिपत्र में कहा गया है कि डिस्ट्रिक्ट क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप यह निर्णय लेने में सक्षम होगा कि जिले की परिस्थिति विशेष को देखते हुए कौन-से उद्योग कितनी केपेसिटी पर चलाये जायें। शहर के किस क्षेत्र से उद्योगों में लगने वाले मेन पॉवर को आने-जाने की अनुमति दें। जिले के ऐसे उद्योग, जो समस्त कार्यरत श्रमिकों को अपने परिसर में रहने की व्यवस्था करते हैं, उन्हें डिस्ट्रिक्ट क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी उद्योग घोषित कंटेनमेंट जोन में संचालित नहीं होना चाहिये। इसके साथ ही किसी भी उद्योग में कंटेनमेंट जोन में रहने वाले किसी श्रमिक को कार्य करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये। परिपत्र में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति में प्रदेश में इंदौर और भोपाल शहर कंटनेमेंट जोन में हैं। इन शहरों से श्रमिकों को कार्य करने के लिये शहर से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। परिपत्र में कहा गया है कि हाई रिस्क जैसे कोविड-19 मरीज से सम्पर्क में आये व्यक्ति, इन्फ्ल्यूएंजा लाइक इलनेस और सेवरे एक्यूट रेस्पीरेटरी इलनेस (SARI) की श्रेणी का कोई भी श्रमिक किसी उद्योग में कार्य करने के लिये नहीं आ सकेगा। जिला कलेक्टर से यह भी सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है कि उद्योगों के संचालन में केन्द्र सरकार के संदर्भित पत्र के एनेक्स-1 में दिये गये नेशनल डायरेक्टिव और एनेक्स-2 में दिये गये स्टेण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पूरा ध्यान रखा जाये। जारी पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिले में आवागमन के लिये किसी पास की आवश्यकता नहीं है। संबंधित के पास पहचान-पत्र होना ही पर्याप्त है। जो उद्योग व्यापक जन-हित में चलाया जाना आवश्यक है और उन्हें इस परिपत्र की शर्त से छूट की जरूरत है, तो ऐसी छूट राज्य शासन द्वारा दी जा सकेगी। यह निर्देश प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम और वृहद सभी श्रेणी के उद्योग पर लागू होंगे।
परिपत्र के अंत में कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि में जिले में संचालित हो सकने वाले उद्योगों को समस्त संभव सहायता उपलब्ध कराई जाये। ऐसा करने से जिले में रोजगार उपलब्ध होगा और राज्य की अर्थ-व्यवस्था को मजबूत किया जा सकेगा।