बड़वानी में जिला स्तरीय कोरोना कन्ट्रोल रूम के प्रभारी हैं डॉक्टर चन्द्रशेखर पॉल। इन्हें गत 30 मार्च को आशा ग्राम निवासी सचिन दुबे ने देर रात कंट्रोल रूम फोन कर बताया कि उनके 77 वर्षीय पिता बंशीधर घर पर गिर गये हैं और अब उनके पैर जमीन पर टिक नहीं रहे हैं। डॉक्टर पॉल ने सचिन को पिता को लेकर अस्पताल आने की सलाह दी। अस्पताल में कोरोना संकट के चलते बुर्जुग बंशीधर के इलाज की व्यवस्था नहीं हो सकी।
डॉ. पॉल दिनभर कन्ट्रोल रूम की ड्यूटी करने के बाद बुर्जुग बंशीधर को देखने उसके घर पहुँचे। उन्होंने पाया कि बंशीधर को फीमर बोन नेक फ्रेक्चर है, जिसका तुरंत ऑपरेशन करना जरूरी है। निजी अस्पताल में ऑर्थोपेडिक सर्जन उपलब्ध नहीं थे जबकि अस्पताल ऑपरेशन में सहयोग देने के लिये तैयार था।
ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. पॉल ने बुर्जुग बंशीधर के जटिल ऑपरेशन की जिम्मेदारी स्वयं सम्भाली। उन्होंने बुर्जुग की कमर की हड्डी का जटिल ऑपरेशन किया। डॉ. पॉल ऑपरेशन के बाद भी बुर्जुग बंशीधर के सम्पर्क में रहे, उनके घर जाकर उन्हें देखते रहे और परामर्श देते रहे। आज बंशीधर स्वस्थ्य हैं।