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इंदौर --- 12 चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी के आदेश जारी

इंदौर -कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के लिये होटल प्रेसीडेंट इंदौर में दी गयी टीम में संशोधन करते हुये 12 चिकित्सक/पैरामेडिकल स्टॉफ की ड्युटी राबर्ट नर्सिंग होम में लगाने संबंधी आदेश जारी किये हैं। इनमें सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक मेडिकल ऑफिसर डॉ. शिखा सिसोदिया, आयुष मेडिकल ऑफिसर डॉ.नीलिमा गीते, एलटी भारती गीते की ड्युटी लगायी गयी है। इसी तरह दोहपर बाद 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनुराग मंडलोई, आयुष मेडिकल ऑफिसर डॉ. विक्रम सिंह तथा एलटी सरोज चकोटिया शामिल हैं। रात्रि 8 बजे से सुबह 8 बजे तक मेडिकल ऑफिसर डॉ.जितेन्द्र अत्रे, आयुष मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रवीण चौबे तथा एलटी डॉ. दिलीप गुलाने शामिल हैं। रिजर्व टीम में मेडिकल ऑफिसर डॉ. महेश प्रताप, आयुष मेडिकल ऑफिसर डॉ. कपिल खंडित तथा एलटी रूपकुमार परमार शामिल हैं।
            उक्त सभी चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टॉफ को जिला प्रशासन की ओर से अनुरोध किया गया है कि वे इस विपत्ति के समय शहर के नागरिकों को अपनी सेवाएं प्रदान करें। सुरक्षात्मक कदम के तहत सभी चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टॉफ को पीपीई किट अस्पताल प्रबंधन को नियमित रूप से मुहैया कराये जायेंगे। चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है कि उनके द्वारा निर्देशों की लापरवाही किये जाने पर नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 की धारा 27 के तहत इसे प्रोफेशनल एण्ड एथिकल मिसकण्डक्ट की श्रेणी में माना जाकर रजिस्ट्रेशन निरस्तीकरण तथा प्रेक्टिस से प्रतिबंध आदि की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जायेगी। आदेशित चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ तत्काल अपने कर्त्तव्य पर उपस्थित होंगे तथा जिला कार्यालय द्वारा जारी आदेश का समय पर दूरभाष व वाट्सअप के माध्यम से जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे। आपातकाल स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये उक्त आदेश सभी संबंधितों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से तामिल कराया जा रहा है। विदित है कि वर्तमान में मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 के तहत कोविड-19 को संक्रामक रोग अधिसूचित किया गया है। इसी प्रकार एपीडेमिक डिसीज एक्ट 1897 में प्रदत्त शक्तियों के तहत मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा हॉल ही में अधिसूचना जारी की गयी है,जबकि मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश अतिआवश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 की धारा 4 के अंतर्गत समस्त शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय संस्थानों की समस्त प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं को अतिआवश्यक सेवाओं में लेते हुये इससे संबंधित कार्य से इंकार किये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, अर्थात किसी भी शासकीय अथवा निजी चिकित्सा संस्थान में समस्त स्वास्थ्य सुविधाएं डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी, स्वच्छता कार्यकर्ता, मेडिकल उपकरणों से संबंधित समस्त व्यक्ति, एम्बुलेंस सेवा, दवाइयां एवं ड्रग्स से संबंधित समस्त कार्य, पानी एवं बिजली आपूर्ति, सुरक्षा संबंधी सेवायें, बायोमेडिकल बेस्ट प्रबंधन, खाद्य एवं पेयजल  प्रावधान एवं प्रबंधन आदि समस्त श्रेणी में संलग्न व्यक्ति एवं उपकरण स्वास्थ्य सुविधाएं देने हेतु इन्कार नहीं कर सकेंगे।
 


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