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दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव के 445 मामले, 301 लोग मरकज के जलसे में हुए थे शामिल

दिल्ली में शनिवार को 59 और व्यक्तियों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है.


नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को 59 और व्यक्तियों में कोरोना वायरस  संक्रमण की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही इस महानगर में कोरोना पॉजिटिव के मामले बढ़कर 445 हो गए हैं. इनमें 301 मामले निजामुद्दीन   इलाके से हैं. दरअसल, देश में कोरोना वायरस के 3,488 मामलों में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद सबसे ज्यादा संक्रमित लोग दिल्ली में हैं.

जानकारी के मुताबिक, दो मरीजों में संक्रमण की पुष्टि के बाद सर गंगाराम अस्पताल के 100 से ज्यादा चिकित्साकर्मियों को क्‍वारेंटाइन कर दिया गया है. दिल्ली सरकार ने केंद्र से स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने की मांग की है. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कुल 445 मामलों में 301 ऐसे लोग हैं, जो निजामुद्दीन में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 445 हो गई है लेकिन हालात नियंत्रण में है और अभी तक समुदाय स्तर पर संक्रमण नहीं फैला है. आंकड़े साझा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में राष्ट्रीय राजधानी में 59 नए मामले सामने आए लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इसमें से 42 मामले मरकज से जुड़े हैं.

कोरोना पीड़ित मां ने बच्चे को जन्म दिया
बता दें कि दिल्ली के एम्स में एक महिला ने शुक्रवार की रात बच्चे को जन्म दिया. गौर करने वाली बात यह है कि इस नवजात के माता और पिता कोरोना पॉजिटिव हैं, जबकि बच्चे में किसी तरह का इंफेक्शन नहीं पाया गया है. बताया गया है कि बच्चे के पिता भी एम्स के फिजियोलॉजी विभाग में ही रेजिडेंट डॉक्टर हैं. एम्स के मेडिकल सुप्रिंटेंडेंट डॉ. डीके शर्मा के मुताबिक, नवजात के माता-पिता दोनों ही कोरोना पॉजिपॉजिटिव पाए गए थे. पहले पति में कोरोना के संक्रमण पाए गए थे, उसके कुछ ही घंटे बाद पत्नी में भी बीमारी के लक्षण दिखे थे.

डॉक्टर के पॉजिटिव पाए जाने के बाद भेजा गया आइसोलेशन में
एम्स के मेडिकल सुप्रिंटेंडेंट डॉ. डीके शर्मा ने बताया कि फिजियोलॉजी विभाग के रेजीडेंट डॉक्टर की पत्नी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के उन्हें फौरन आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था. डॉ. शर्मा ने बताया कि मां के संक्रमित होने की वजह से डॉक्टरों ने डिलीवरी की पूरी प्रक्रिया के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरती. बच्चे की डिलीवरी से पहले अस्पताल के सभी उपकरणों को सैनेटाइज किया गया. साथ ही पूरी टीम को पीपीई किट दिए गए, ताकि कोई खतरा न रहे.


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