मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार कोरोना संकट के कारण मध्यप्रदेश के निवासी श्रमिक, जो विभिन्न प्रदेशों में फँसे हैं, उन्हें वापस लाने की कार्यवाही प्रभावी ढंग से जारी है। राज्य शासन के प्रयासों से अब तक लगभग 13 से 14 हजार श्रमिक प्रदेश में लाये जा चुके हैं। इनमें से आज 28 अप्रैल को 8300 मजदूर विभिन्न प्रदेशों से मध्यप्रदेश लाये गये।
सकुशल प्रदेश वापसी पर श्रीमती रामकन्या आदिवासी ने दिया मुख्यमंत्री को धन्यवाद लॉकडाउन में जैसलमेर (राजस्थान) में फँसी मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की श्रीमती रामकन्या आदिवासी आज सकुशल अपने घर पहुँच गई। श्रीमती रामकन्या ने वापस घर आ जाने की मदद के लिये मध्यप्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद दिया है। उनके साथ जैसलमेर में फँसे प्रदेश के अन्य जिलों के श्रमिकों को भी आज उनके गंतव्यों तक बसों द्वारा पहुँचाया गया है। |
28 अप्रैल को 6450 श्रमिक जैसलमेर से लाये गये
अपर मुख्य सचिव और प्रभारी स्टेट कंट्रोल-रूम श्री आई.सी.पी. के केशरी ने बताया कि 28 अप्रैल को 6450 श्रमिक 215 बसों में जैसलमेर (राजस्थान) से लाये गये हैं। इन्हें नीमच, आगर-मालवा, श्योपुर और गुना एन्ट्री प्वाइंट पर लाया गया है। इनके स्वास्थ्य परीक्षण और भोजन कराने के बाद संबंधित जिलों में भेज दिया गया है।
गुजरात से 500 और हरियाणा के 1350 श्रमिक आये
श्री केशरी ने बताया कि आज ही गुजरात से 500 और हरियाणा से 1350 श्रमिक 45 बसों में ग्वालियर लाये गये हैं। इन्हें गृह जिले भेजा जा रहा है। इन्हीं वाहनों में मध्यप्रदेश में फँसे राजस्थान के 2500 श्रमिकों को वापस राजस्थान भेजा जा रहा है।
राजस्थान से कल 2500 और परसों 5 हजार श्रमिक लाये जायेंगे
अपर मुख्य सचिव श्री केशरी ने बताया कि 29 अप्रैल को राजस्थान से 2500 और 30 अप्रैल को 5 हजार श्रमिक वापस लाये जायेंगे। उत्तरप्रदेश के राहत शिविरों में रह रहे श्रमिकों को भी वापस लाने की कार्यवाही की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल को गुजरात से 2500 और राजस्थान से 700 श्रमिक वापस लाये गये। इसी तरह 27 अप्रैल को 500 श्रमिक राजस्थान से लाये गये।
विभिन्न जिलों में फँसे 25 हजार श्रमिक गृह स्थान पहुँचाये गये
प्रदेश के विभिन्न जिलों में फँसे मध्यप्रदेश के करीब 25 हजार श्रमिकों को पिछले 4 दिनों में उनके गृह स्थान पहुँचाया गया है। प्रदेश के मुख्य सचिव अन्य प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ मध्यप्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने के संबंध में लगातार सम्पर्क में हैं।