20 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर लगा प्रतिबंध, सामाजिक ,धार्मिक , सांस्कृतिक आयोजनों पर रहेगा 31 मार्च तक प्रतिबंध
कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 34 के अंतर्गत लोक सुरक्षा की दृष्टि से कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावनाओं को देखते हुए सावधानी के लिए भोपाल जिले में 20 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगाया है। सुरक्षा की दृष्टि से सभी धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनो,भंडारों, लंगर, पर 31 मार्च तक प्रतिबंधित आदेश जारी किए गए हैं।
सामाजिक ,धार्मिक ,सांस्कृतिक, स्थलों पर भी इस प्रकार के किसी आयोजन नहीं किया जा सकेगा। कलेक्टर ने बताया कि केंद्र सरकार से मिले निर्देश अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के अंतर्गत जिले में लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संक्रमण को रोकने के लिए यह कदम उठाना अति आवश्यक है इसके लिए शहर में पूर्व में ही कोचिंग संस्थान, स्कूल, कॉलेज, जिम ,स्पा सेंटर, स्विमिंग पूल, पुस्तकालय, सिनेमाघर, ऑडिटोरियम, आदि ऐसी सभी जगह जहां पर 20 या 20 से अधिक लोग एकत्रित हो सकते हैं, को बंद कर दिया गया है।
नगर निगम आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि सभी ऐसी जगह जैसे बस स्टैंड, सब्जी मंडी, बाजार, हॉट बाजार, ऐसी जगह जहां पर अधिक से अधिक लोग भ्रमण करते हैं दिन में दो बार सफाई की जाए शहर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए।
एयरपोर्ट अथॉरिटी को निर्देशित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति हवाई अड्डे से बिना स्क्रीनिग के ना आए, इसके लिए 24 घंटे एयरपोर्ट पर विशेष व्यवस्था रखी जाए।एयरपोर्ट पर साफ सफाई और कीटाणु नाशक स्प्रे लगातार करने की व्यवस्था करने के निर्देश भी जारी किए गए
जिले में सभी शासकीय ,निजी कार्यालय एवं संस्थानों में बायोमेट्रिक उपस्थिति पर भी रोक लगाई गई है इसी के साथ विवाह समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम पर भी रोक लगाई गई है।
कलेक्टर श्री पिथोडे ने बताया कि जिले में सावधानी व सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस उपमहानिरीक्षक को भी निर्देशित किया गया है कि बस स्टैंड और स्टेशन के अतिरिक्त अन्य कहीं भी 20 से अधिक यात्रियों को एकत्रित ना होने दिया जाए इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएं।
बाहर से आने वाली बसों को भी सेनिटाइज करने की व्यवस्था की जाए, सिटी बसों उनके ड्राइवर, कंडक्टर को भी लागातर हाथ धोने और सेनेटाइज रखने के लिए बताया जाए।
आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 के अंतर्गत सभी आदेश का उल्लंघन करने या किसी अधिकारी या कर्मचारी को आदेश क्रियान्वयन से रोकने पर दंडात्मक कर्रवाई की जाएगी।