शनिवार को पीएम मोदी ने घरेलू फार्मा कंपनियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की है. पीएम ने इन कंपनियों से दवाओं की उत्पादन बढ़ाने और बेहतर सप्लाई सुनिश्चित करने को कहा है.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार लगातार नए कदम उठा रही है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने फार्मा कंपनियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की है. प्रधानमंत्री ने इन कंपनियों से कहा है कि उनके लिए यह उत्पादन बढ़ाने का समय है. इन फार्मा कंपनियों ने पीएम मोदी को आश्वस्त किया है कि देश में जरूरी दवाइयों और मेडिकल कमोडिटीज की पर्याप्त सप्लाई है. चिंता करने की कोई बात नहीं है.
केमिस्ट एंड फार्मा कंपनियों ने सरकार को आश्वस्त किया है कि वो इस संकट की स्थिति में लगातार काम कर रही हैं. कंपनियों ने कहा कि हमारे लिए राष्ट्र सबसे पहले आता है और 24/7 सप्लाई को पूरी तरह से सुनिश्चित किया जाएगा.
बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए भारत समेत दुनिया की कई कंपनियों ने टेस्टिंग किट तैयार करने का दावा किया है. इन टेस्टिंग किट की मदद से महज कुछ घंटों में ही रिजल्ट मिल सकता है. घरेलू फार्मा कंपनी सिप्ला ने कहा है कि वह महज 6 महीने के अंदर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ सकती है.
सरकार लैब्स के साथ मिलकर काम कर रही सिप्ला
अगर सिप्ला कोरोना वायरस का इलाज ईजाद करने में सफल होती है तो वह भारत की पहली ऐसी कंपनी होगी. फिलहाल यह कंपनी सरकारी लैबोरेटरीज के साथ मिलकर कोरोना वायरस की दवा विकसित करने में जुटी हुई है. कंपनी ने कहा है कि वह कोरोना वायरस की वजह से सांस लेने में परेशानी, अस्थमा, एंटी वायरल और HIV की दवाओं के इस्तेमाल पर भी प्रयोग कर रही है.
सिप्ला ने दोगुना किया दवाओं का उत्पादन
सिप्ला के प्रोमोटर यूसुफ हामिदन क हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी अपने तमाम संसाधनों को देश की मदद में लगाना अपना राष्ट्रीय कर्तव्य मानती है. कंपनी ने दवाओं का उत्पादन दोगुना कर दिया है. कंपनी के प्रोमोटर ने कहा कि सिप्ला ने स्विट्जरलैंड की कंपनी रोचेज की सूजनरोधी दवा एक्टेमरा को भारत में वितरित कर चुकी है. इस दवा की मदद से फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा.