सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल होने के बाद कई दवाओं की मांग में अचानक बढ़ोतरी हो गई. इसके बाद यह दवा देश के बड़े मेडिकल स्टोर पर खत्म हो गई.
इस्लामाबाद. कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) में पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए जाने के दावे किए जा रहे हैं. इसके बावजूद इसको लेकर अफवाहें फैल रही हैं तो इसकी वजह वह मुनाफाखोर भी हैं, जो इस बीमारी की आड़ में भी फायदा कमाने से नहीं चूक रहे और मास्क, दवाओं और जरूरी चीजों को ज्यादा दामों पर बेच कर मुनाफा कमा रहे हैं.
लोग कोरोना वायरस से जुड़ी हर बात पर विश्वास करके तनावग्रस्त हो रहे हैं. पाकिस्तान में इस वायरस के बारे में बहुत सी गलत अफवाहें फैली हुई हैं और ज्यादातर सोशल मीडिया के जरिए फैलाई जा रही हैं. सोशल मीडिया (Social Media ) पर लगातार इस तरह के मैसेज फैलाए जा रहे हैं कि कोरोना वायरस एक घातक बीमारी और जानलेवा वायरस है जिसे टाला नहीं जा सकता है.
अफवाह के बाद मांस समेत सब्जियों से भी दूरी
वहीं इस अफवाह के फैलने के बाद कि मांस और सब्जियां खाने से कोरोना की संभावना बढ़ जाती है. लोगों ने चिकन, मांस के अलावा कटहल आदि सब्जियों से भी दूरी बना ली है. हालांकि विशेषज्ञों ने इस संभावना से इंकार किया है. महामारी विशेषज्ञ के मुताबिक इस तरह की अफवाहें कम शिक्षित लोगों और जागरूकता की कमी की वजह से भी फैल रही हैं. इनमें सच्चाई नहीं है.
कई दवाएं मेडिकल स्टोर से गायब, लोग परेशान
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन फॉस्फेट दवा, जिसे आमतौर पर क्लोरोक्विन के रूप में जाना जाता है, का उपयोग मलेरिया बुखार के लिए कई पहले से किया जाता रहा है, लेकिन अचानक 19 मार्च को सोशल मीडिया पर खबर वायरल हुई कि यह दवा कोरोना वायरस पर असर दिखा रही है. सोशल मीडिया पर इस मैसेज के वायरल होने के बाद इस दवा की मांग में अचानक बढ़ोतरी हो गई. इसके बाद यह दवा देश के बड़े मेडिकल स्टोर पर खत्म हो गई. कराची की तरह देश के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर में भी यही हालात हैं. दूसरी ओर सोशल मीडिया पर यह अफवाह वायरल होने के बाद ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान (DRAP) ने बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाओं की बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी है.
स्वास्थ्य सिंध के प्रवक्ता मीरान यूसुफ ने कहा कि कुछ रोगियों को डॉक्टर की सलाह के बिना इन दवाओं का उपयोग करने से साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं. क्या दवा वास्तव में कोरोना को प्रभावित करती है, अभी यह पूरी तरह साफ नहीं है, लेकिन प्रमुख चिकित्सा पत्रिका नेचर में 4 फरवरी, 2020 को प्रकाशित एक लेख में कहा गया कि इस दवा का इस्तेमाल 17 हजार, 848 कोरोना वायरस के रोगियों पर किया गया था, जिनमें से कई ठीक हो गए. हालांकि इसमें यह भी बताया गया कि दवा की निर्धारित मात्रा से ज्यादा लेने पर अन्य समस्याओं के अलावा इसे इस्मेमाल करने वाले की मौत भी हो सकती है. इसके अलावा कोरोना वायरस का फैलता संक्रमण और मास्क आदि की बढ़ती मांग के मद्देनजर मास्क और सेनेटाइजर का भी लोगों ने स्टोर करके रख लिया है और इन्हें मनमानी के साथ महंगे दामों पर बेच रहे हैं.