याचिका में दावा किया गया है कि दया याचिका खारिज करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजी गई अनुशंसा में दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन के हस्ताक्षर नहीं हैं-----
नई दिल्ली. निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में फांसी की सजा पाए चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने एक बार फिर मौत की सजा से बचने का प्रयास किया है. विनय ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उसने दावा किया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उसकी दया याचिका खारिज किए जाने में प्रक्रियागत खामियां और संवैधानिक अनियमितताएं थीं.
वकील का दावा- राष्ट्रपति के पास भेजी गई अनुशंसा में सत्येंद्र जैन के हस्ताक्षर नहीं
शर्मा की तरफ से याचिका उसके वकील एपी सिंह ने दायर की जिन्होंने कहा कि मामले को दिल्ली हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में दायर किया गया है. याचिका में दावा किया गया है कि दया याचिका खारिज करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजी गई अनुशंसा में दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन के हस्ताक्षर नहीं हैं.
निर्भया केस में दोषी पवन पहुंचा कोर्ट, जेल अधिकारियों से मांगी गई ATR
इससे पहले, दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को मंडोली जेल के अधिकारियों से पवन कुमार गुप्ता के आवेदन पर कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) मांगी है. निर्भया केस में फांसी की सजा पाए पवन ने पिछले वर्ष जेल में उससे कथित तौर पर मारपीट करने के लिए दो पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रयांक नायक ने जेल अधिकारियों से कहा कि सुनवाई की अगली तारीख आठ अप्रैल को कार्रवाई रिपोर्ट दायर करें.
चार बार जारी हो चुका है डेथ वारंट, 20 मार्च को होगी फांसी
गौरतलब है कि दिल्ली की एक अदालत ने विनय शर्मा सहित चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए मौत का वारंट जारी कर चुकी है. इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी कर दिया था. इन सभी दोषिय़ों को 20 मार्च की सुबह फांसी के तख्ते पर लटकाया जाएगा. आपको बता दें कि निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ चौथी बार डेथ वारंट जारी किया गया है. इससे पहले 3 मार्च को इन सभी को फांसी देने का आदेश दिया गया था, लेकिन दोषी पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने की वजह से इस दिन फांसी नहीं हो सकी.----