निर्भया मामला में दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज होने के बाद अब सभी दोषी अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर चुके हैं
नई दिल्ली. निर्भया मामले के चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद तिहाड़ जेल के अधिकारी अभियुक्तों की फांसी की सजा पर तामील के लिए नई तारीख तय करने की खातिर पटियाला हाउस अदालत पहुंच गए थे अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में नए सिरे से डेथ वारंट जारी करने की मांग की है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति ने इस मामले में अन्य तीन दोषियों की दया याचिकाओं को पहले ही खारिज कर दिया था.
अभियोजन पक्ष द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में नए डेथ वारंट के लिए दायर की गई अर्जी पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी. राणा ने दोषियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई की जाएगी.इससे पहले निर्भया के माता-पिता की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि हम आज पटियाला हाई कोर्ट में एक नई अर्जी डाल रहे हैं कि फांसी के लिए नई तारीख तय की जाए. अब जो तारीख तय होगी वो फाइनल तारीख होगी. जिसमें इन चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी. अब चारों दोषी अपने सभी अधिकारों का पूरी तरह से इस्तेमाल कर चुके हैं.तीन बार टल चुकी है फांसी
निर्भया गैंगरेप और मर्डर के सभी चारों दोषियों ने अलग-अलग दया याचिका दाखिल की थी. इससे इनकी फांसी पर अमल में देरी हुई. पवन से पहले इस मामले के तीन अन्य दोषियों ने दया याचिका समेत सभी कानूनी विकल्पों को आजमा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद सिफ पवन के पास ही दया याचिका का विकल्प शेष था. अब उसके भी सभी विकल्प समाप्त हो चुके हैं. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट को कानूनी पेंच के चलते तीन बार फांसी की तिथि टालनी पड़ी थी.
क्या है निर्भया गैंगरेप मामला?
ये मामला दिसंबर 2012 का है, जब चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल स्टूडेंट के साथ छह लोगों ने गैंगरेप किया था. इस दौरान सभी ने मिलकर उसके साथ क्रूरतम व्यवहार किया था और उसे घायल अवस्था में मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया था. घटना के कुछ दिनों बाद 'निर्भया' की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.