दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दया याचिका ठुकराए जाने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेजी थी.
नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका ठुकरा दी है. अब फांसी की सजा पाए पवन के पास कोई विकल्प नहीं बचा है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उसकी क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी थी. इसके बाद उसने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की थी. अब दोषी पवन के सभी विकल्प समाप्त हो चुके हैं, ऐसे में उसे फांसी देने का रास्ता साफ हो गया है.
बता दें कि इससे पहले निर्भया कांड के तीन अन्य दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ठुकरा चुके हैं. पवन की दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के सभी चारों दोषियों को फांसी देने का रास्ता साफ हो गया है.
तीन बार टल चुकी है फांसी
निर्भया गैंगरेप और मर्डर के सभी चारों दोषियों ने अलग-अलग दया याचिका दाखिल की थी. इससे इनकी फांसी पर अमल में देरी हुई. पवन से पहले इस मामले के तीन अन्य दोषियों ने दया याचिका समेत सभी कानूनी विकल्पों को आजमा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद सिफ पवन के पास ही दया याचिका का विकल्प शेष था. अब उसके भी सभी विकल्प समाप्त हो चुके हैं. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट को कानूनी पेंच के चलते तीन बार फांसी की तिथि टालनी पड़ी थी.
क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद दाखिल की थी दया याचिका
पवन गुप्ता ने 2 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसी दिन उसकी क्यूरेटिव पिटीशन खारिज की थी. पवन के साथ मामले के अन्य दोषी अक्षय ने पटियाला हाउस कोर्ट में 3 मार्च के लिए जारी डेथ वारंट को रद्द करने की मांग की थी. पवन ने दया याचिका लंबित होने की दलील थी, जबकि अक्षय ने दोबारा से मर्सी पिटीशन दाखिल करने की बात कही थी. कोर्ट ने अक्षय की याचिका तो रद्द कर दी थी, लेकिन पवन की दलील पर फांसी के आदेश पर अमल की तिथि को टालना पड़ा था. लेकिन, राष्ट्रपति द्वारा पवन की दया याचिका ठुकराए जाने के बाद निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो गया है.